बिलासपुर— दैनिक वेतनभोगी एक कर्मचारी ने सवाल किया है कि डीएफओ और सीसीएफ आखिर मेरे नियमितिकरण में क्यों टांग अड़ा रहे हैं। बताएं…आखिर वे चाहते क्या हैं। मै उनकी मांग को पूरा करने का प्रयास करूंगा। लेकिन मुझे और मेरे परिवार को जांच के नाम पर वेवजह परेशान ना करें। नियमितिकरण में बाधा ना बनें। मैं नियमितिकरण के सारे शर्तों को पूरा करता हूं। बावजूद इसके मुझे निशाना बनाया जा रहा है। मेरी किसी से दुश्मनी नहीं है बावजूद इसके मेरे खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी कर डीएफओ ने नियमितिकरण में षड़यंत्र किया है।
सनत कुमार ने बताया कि वह दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी है। मेरे नियमितिकरण में डीएफओ ने जानबूझ कर बाधा पहुंचाने का काम कर रहे है। प्रमाण के बाद भी नियमितिकरण में मुझे अपात्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सनत के अनुसार सीसीएफ ने डीएफओ पैकरा को निदेश दिया है कि किसी भी सूरत में सनतकुमार दुबे का पाजिटिव रिपोर्ट तैयार ना किया जाए। बी.आनन्द बाबू ने लेखापाल को झूठी शिकायत तैयार करने अघोषित एजेंट बनाया है।
सनत कुमार ने सीसीएफ आनन्द बाबू पर ईमानदारी का चोला पहनने का आरोप लगाया है। सनत ने बताया कि मैने कई अधिकारियों के साथ काम किया …लेकिन ऐसा अधिकारी नहीं देखा जो ईमानदारी का स्वाग करता है। सामने कुछ और पीठ के पीछे कुछ कहता है।
सनत के अनुसार सीसीएफ ने नियमितिकरण को लेकर मेरे खिलाफ दस से अधिक बार जांच करवाया। लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। यदि सीसीएफ में हिम्मत है तो जिला यूनियन में पदस्थ नियमित किये गए रविकांत कौशिक के रिकार्ड की भी जांच कराए। जितने भी दैनिक वेतन भोगियों का नियमितिकरण किया गया…उनके रिकार्ड की भी जांच हो।जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। लोगों को भी समझ में आ जाएगा कि जिन्हें नियमित किया गया है उनसे आपका क्या रिश्ता है।
सनत ने सीजी वाल को बताया कि यदि मेेरे साथ अन्याय होता है तो इसके लिए सीसीएफ के अलावा उनके एजेंट रजिया मोबिन , एस.के.पैकरा जिम्मेदार होंगे।