छात्रों ने किया सेमेस्टर का विरोध..लाठी और वाटरकेन का किया सामना

BHASKAR MISHRA
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bugherav1बिलासपुर— बिलासपुर विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ एनएसयूआई छात्र नेताओं ने उग्र प्रदर्शन किया। छात्रों को नियंत्रित करने पुलिस को हल्का लाठीचार्ज के अलावा वाटरकेन का सहारा लेना पड़ा। सेमेस्टर सिस्टम से नाराज छात्रों ने कुलसचिव को पांच सूत्रीय मांग पत्र देकर सेमेस्टर सिस्टम बंद करने को कहा।

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                                   एनएसयूआई छात्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय के पीजी सेमेस्टर से छात्रों का भविष्य अंधेरे में जारहा है। इस बार परीक्षा में 80 प्रतिशत विद्यार्थियों को फेल कर दिया गया। इतना गंदा परिणाम आज तक नहीं आया।

                    पांच सूत्रीय मांग को लेकर छात्र और एनएसयूआई नेताओं ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। अपनी मांग को लेकर विश्वविद्यालय पहुंचे उग्र छात्रों पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया।लाठीचार्ज के दौरान कुछ छात्र  घायल हुए। छात्रों की भीड़ को तीतर बितर करने पुलिस ने वाटनकेनन का भी उपयोग किया। बावजूद इसके छात्रों का हौसला नहीं टूटा। कुलसचिव से मिलकर नए सत्र में सेमेस्टर सिस्टम खत्म करने को कहा। इस दौरान छात्र नेताओं ने कुलपति पर तानाशाही का आरोप लगाया और जमकर नारेबाजी की।

                            छात्र नेता अमितेष राय ने बताया कि हमने छात्रों के हित में पांच सूत्रीय मांग की है। विद्यार्थियों को निशुल्क उत्तरपुस्तिका दिखाया जाए। जिस तरह परीक्षा फार्म आनलाइन भरे जा रहे है उसी तरह प्रवेश प्रक्रिया भी आनलाइन हो। फीस नियामक आयोग का गठन की जाए। सीएमडी कालेज छात्र नेता पूनम तिवारी और एनएसयूआई जिला अध्यक्ष तनमीत छाबड़ा, युकां जिला अध्यक्ष भावेन्द्र गंगोत्री, रंजीत सिंह समेत सभी एनएसयूआई नेताओं ने पुलिस की आंख से बचकर कुलपति चैम्बर के सामने पहुंचकर हंगामा किया। लेकिन कुलपति ने मिलने से इंकार कर दिया। नाराज छात्रों ने नारेबाजी के बाद कुलसचिव इंदु अनंत के सामने पांच सूत्रीय मांगों को पेश किया।

                                  अमितेष राय ने पिछले तीन सेशन से बिलासपुर विवि के परीक्षा परिणाम को दुखी करने वाला बताया ।  उन्होने बताया कि सेमेस्टर परीक्षा में सभी संकायों के करीब 80 प्रतिशत छात्र छात्राओं को फेल कर दिया गया है। परिणाम से जाहिर होता है कि सेमेस्टर सिस्टम पूरी तरह फ्लाप है। इसलिए विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए विश्वविद्यालय को सेमेस्टर सिस्टम बंद कर दिया जाना चाहिए। तनमीत छावड़ा ने बताया कि प्रबंधन ने कुछ ऐसे नियम बनाए हैं जिससे छात्रों का भविष्य अंधेरें में जाता हुआ दिखाई दे रहा है। तनमीत के अनुसार सेमेस्टर सिस्टम में पुर्नमूल्याकंन का प्रावधान नही है। अच्छा  होगा कि विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिका का निःशुल्क जांच कराई जाए। राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों की तरह बिलासपुर विश्वविद्यालय के एमए कोर्स में छत्तीसगढ़ के पाठ्यक्रम को शामिल किया जाए।

                        पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए एनएसयूआई छात्र नेताओं कुलपति पर हिटलरशाही का भी आरोप लगाया। सीएमडी छात्र नेता पूनम तिवारी ने पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की। उन्होने कहा कि कालेज में छात्र अपना भविष्य संवारने आते हैं ना कि लड़ाई झगड़ा करने। लेकिन कुलपति ने पुलिस का सहारा लेकर छात्रों के जैसा व्यवहार किया है शायद ऐसा उदाहरण कहीं मिले।

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