बिलासपुर—जब तक माटी पुत्रों को सत्ता में भागीदारी नहीं होगी तब तक प्रदेश का विकास संभव नहीं है। हमने राज्य गठन के लिए संघर्ष शोषण और लूट के लिए नहीं करवाया। किसनों के साथ अन्याय हो रहा है। छत्तीसगढ़ियों को न्याय दिलाने के लिए जय छ्त्तीसगढ़ पार्टी का गठन किया है। यह बातें अरविंद नेताम ने आज पत्रकारों से कही। अरविन्द नेताम ने बताया जोगी पर कभी विश्वास नहीं किया जा सकता। दरअसल जोगी आदिवासी है ही नहीं। पिछले 13 साल से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार जोगी ही चला रहे हैं। जोगी ने न केवल आदिवासी बल्कि छत्तीसगढ़ के सभी लोगों के साथ धोखा किया है। यही बात सोहन पोटाई ने भी कही।
नेताम ने बताया कि प्रदेश में लूटतंत्र का बोलबाला है। बेलगाम अधिकारी और नेताओं ने दोनों हाथ से रत्नगर्भा छत्तीसगढ़ को लूटने का काम किया है। आदिवासी ही नहीं बल्कि आम लोगों का जीना हराम हो गया है। अब छत्तीसगढ के हितों को देखते हुए जय छत्तीसगढ़ पार्टी विधानसभा चुनाव में ताकत दिखाएगी।
जोगी से लेकर भूपेश तक सभी लोग आदिवासी हित और प्रदेश सरकार को सबक सिखाने की बात करते हैं…फिर लड़ाई एक होकर क्यों नहीं लड़ रहे। सवाल का जवाब देते हुए अरविन्द नेताम ने कहा कि जोगी पर विश्वास नहीं किया जा सकता । क्योंकि भाजपा सरकार को स्टबलिश करने में जोगी का हाथ है। जोगी न तो आदिवासियों के और न आम जनता के हितैषी हैं। उनका अपना अलग राजनीति है। जोगी जी की ढपली अलग है और राग भी जुदा है। अविश्वनीय राजनेता हैं। दावा कर सकता हूं कि उन्होने पिछले साल तक भाजपा का साथ दिया…सरकार भी बनवाने में मदद की है। आगे भी मदद करेंगे इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता ।
अरविन्द नेताम ने बताया कि जोगी को एसेस करना नामुमकिन है। कब कहां और क्या दांव खेल दें किसी को भी पता नहीं। उन्हें अपने हित की चिंता रहती है। इसलिए जोगी के साथ काम करने का सवाल ही नहीं उठता ।
पूर्ण शराबबंदी के सवाल पर अरविन्द नेताम ने बताया कि यदि जनता चाहती है तो शराबबंदी होनी चाहिए। शराब माफियों और कोचियों ने प्रदेश के रग-रग में शराब भर दिया है। यह सब प्रायोजित तरीके से हुआ है। शराब आदिवासी संस्कृति का हिस्सा है शराब…इसलिए आदिवासी क्षेत्र के लिए शराब पर अलग नियम बनें। जैसा सन् 1976 में सरकार ने बनाया गया था। यदि आदिवासी चाहते हैं कि शराब बंद हो तो विक्री पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। इससे आदिवासियों का ही हित होगा।
नेताम ने बताया कि बस्तर को समझने में राजनेता फेल हो गए हैं। कल्लूरी और उनके दो शागिर्दों ने बयानबाजी कर कोड ऑफ कंडक्ट का अपमान किया है। इससे जाहिर होता है कि पुलिस अधिकारी और स्थानीय प्रशासन सरकार के हाथों से निकल चुका है।
आदिवासी नहीं हैं जोगी
जय छत्तीसगढ पार्टी के संस्थापक सदस्य सोहन पोटाई ने पत्रकारों को बताया कि भाजपा को मैने नहीं बल्कि भाजपा ने मुझे छोड़ दिया है। जिन्होने पार्टी की छवि को धूमिल किया उन्हें लालबत्ती से नवाजा गया। आदिवासी महिलाओं का अपमान करने वाली महिला मोर्चा प्रवक्ता विश्वदिनी पाण्डेय को बर्खास्त कर देना चाहिए था लेकिन नहीं किया गया। इससे जाहिर होता है कि भाजपा सरकार ने आदिवासी समाज को अपमानित और लूटपाट करने वालों को लायसेंस दिया है। मुझे कहा गया कि पार्टी के फोरम में अपनी बातों को रखें। मैने प्रदेश अध्यक्ष से कहना पड़ा कि यह जानते हुए भी कि फोरम में बात रखने के बाद शिवप्रताप सिंह,राजीव अग्रवाल,ताराचन्द साहू का क्या हश्र हुआ।
सोहन पोटाई ने बताया कि छत्तीसगढ़ियों और आदिवासियों के सम्मान को स्थापित करने के लिए अरविन्द नेताम के साथ मिलकर जय छत्तीसगढ पार्टी का गठन किया है। क्योंकि प्रदेश में जोगी के समर्थन में आउटसोर्सिंग की सरकार चल रही है। जरूरी हो गया है कि प्रदेश की सरकार छत्तीसगढ़ियों की बने।
क्या आधार है कि अजीत जोगी आदिवासी नहीं है। सवाल का जवाब देते हुए सोहन पोटाई ने बताया कि मिशल बंदोबस्त,दाखिला और जन्ममृत्यु प्रमाण पत्र के अनुसार अजीत जोगी आदिवासी नहीं है। जोगी परिवार पढ़ा लिखा और जमीन जायजाद वाला है। बावजूद इसके जोगी कहते हैं कि ग्रामसभा में जाति का पता लगाया जाए। यह जानते हुए भी कि ग्रामसभा में जाति का निराकरण मिशल,दाखिला और जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र नही होने पर होता है। जबकि जोगी के पास जाति को सत्यापित करने वाले तीनों ही दस्तावेज मौजूद हैं। 31 मई के बाद कोर्ट में दूध का दूध और पानी का पानी कर देगा।