कौशल विकास से खुलेंगे नये रास्ते -कुलपति प्रोफेसर गुप्ता

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cu_bsp_marchबिलासपुर।गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के इंडस्ट्रियल एवं प्रोडक्शन इंजीनियरिंग विभाग एवं कौशल विकास प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में “सिक्स सिग्मा एवं सप्लाई चैन मैनेजमेंट” विषय पर 20 से 22 मार्च तक 3 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन गोपीनाथ मलिया, डीआरएम, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर मंडल के मुख्य आतिथ्य एवं कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता की अध्यक्षता में सोमवार को सुबह 10.30 बजे प्रौद्योगिकी संस्थान के ई-क्लास रूम में हुआ।कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर गोपीनाथ मलिया, डीआरएम, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर मंडल ने कहा कि “सिक्स सिग्मा एवं सप्लाई चैन मैनेजमेंट” का सबसे जीवंत उदाहरण भारतीय रेल है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल आदर्श मानकों पर कार्य कर रही है जिसके पीछे सिक्स सिग्मा एवं सप्लाई चैन मैनेजमेंट का अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि देश में रेल के जरिये प्रतिदिन यूरोप के करीब तीन देशों की आबादी के बराबर लोग यानी तकरीन 2.3 करोड़ लोग भारतीय रेल में सफर करते हैं।

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                        मलिया ने कहा कि मुझे, गर्व है कि मैं भारतीय रेल के साथ जुड़ा हुआ हूं जहां तकरीबन 13 लाख लोग कार्य करते हैं। उन्होंने कार्यशाला की सफलता हेतु शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

                         कार्यशाला के उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता ने संबोधित किया कि सूचना एवं तकनीक ने आम आदमी की जिंदगी में बड़े बदलाव किये हैं। उन्होंने कहा कि कौशल विकास कार्यशाला के माध्यम से इंडस्ट्रियल एवं प्रोडक्शन इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए विशेषज्ञों से मिलने वाली जानकारियों से रोजगार के नये रास्ते खुलेंगे।

                          कार्यशाला की सफलता के लिए शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की यह महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें देश के युवाओंध्छात्रों को रोजगान्मुखी शिक्षा देना एवं उन्हें उद्यमिता के क्षेत्र में आगे ले जाने पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूत बनने के लिए युवाओँ में कौशल विकास का होना अत्यंत आवश्यक है।

                         अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के अधिष्ठाता प्रोफेसर मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी उद्योग के उत्पादों की गुणवत्ता किन-किन विधियों द्वारा बढाई जा सकती है, इन सभी विधियों की विस्तार से जानकारी कार्यशाला के दौरान दी जाएगी। उन्होंने कार्यशाला की सफलता हेतु शुभकामनाएं दीं। इंडस्ट्रियल एवं प्रोडक्शन इंजीनियरिंग विभाग की विभागाध्यक्ष सुश्री अर्पिता राय चैधरी ने भी अपने विचार रखे।

                       तकनीकी सत्रों में डॉ. संदीप मंडल, सह-आचार्य, प्रबंध अध्ययन विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, धनबाद, झारखंड एवं उद्योग जगत के विशेषज्ञ डॉ. दुर्गेश पट्टनायक, वरिष्ठ प्रबंधक, टाटा स्टील, भुवनेश्वर, ओडिशा ने छात्रों से संवाद किया।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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