नईदिल्ली।छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अजय चन्द्राकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वच्छ भारत मिशन छत्तीसगढ़ में जन आंदोलन बन गया है। राज्य के हर ग्राम मंे ग्रामीण स्वेच्छा से इस अभियान से जुड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ मंे हमने इसे लक्ष्यपूर्ति के अभियान के बजाय लोगो की बरसों से चली आ रही मानसिकता के परिवर्तन का रूप दिया। सरकार इस अभियान में प्रेरक की भूमिका में रही और इसके परिणाम काफी सकारात्मक रहे।अजय चन्द्राकर नई दिल्ली में विश्व जल दिवस के मौके पर हुए सभी के लिए जल और स्वच्छ भारत पर राष्ट्रीय कार्यशाला में संबोधित कर रहे थे।
चन्द्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश के खुले में शौच से मुक्ति के लक्ष्य से एक साल पहले 2 अक्टूबर 2018 तक पूर्णरूप से खुले में शौच से मुक्त होकर उज्जर-सुग्घर , हमर छत्तीसगढ़ के सपने को साकार करेगा। उन्होंने कहा कि हमने लोगों के लंबे समय से चले आ रहे व्यवहार में परिवर्तन का प्रयास किया। ऐसे कानून बनाये जिनसे स्वच्छता अभियान को जोर मिला। हमने जनप्रतिनिधियों के लिए चुनाव लड़ने की अर्हताओं में घर में शौचालय की अनिवार्यता को शामिल किया गया।
अब अगर किसी जनप्रतिनिधि के घर में शौचालय नहीं है तो वे पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव नहीं लड़ पायेंगे। इसके अच्छे परिणाम सामने आये है। 2 अक्टूबर 2014 को जहां प्रदेश में मात्र 20 ग्राम ही ऐसे थे जो खुले में षौच जाने की प्रथा से पूर्ण रूप से मुक्त थे। वहीं आज की स्थिति में प्रदेश के 12 हजार से ज्यादा गांव खुले में शौच से मुक्त हो गये है। प्रदेश के 5 जिलों जिनमें मुंगेली, धमतरी, राजनांदगांव, दुर्ग और सरगुजा सहित 56 विकास खंड खुले में शौच से मुक्त हो चुके है ।
चंद्राकर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में स्वच्छता के क्षेत्र में हो रहे बेहतर कार्य को देखने के लिए 17 सेे 19 जनवरी 2017 को दक्षिण भारत के 5 राज्यों के 25 कलेक्टर एवं जनप्रतिनिधि छत्तीसगढ़ आये और उन्होंने राज्य में चलाये जा रहे अभियान की प्रशंसा की।