बिलासपुर—-जिला शहर कांग्रेस ने प्रेस नोट जारी कर बताया है कि २३ मार्च सुबह 10 बजे कांग्रेस भवन में शहादत दिवस मनाया जाएगा। भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन की दिशा और दशा बदलने की असीम क्षमतावान भारत माँ के सच्चे सपूत महान क्रांतिकारी शहीद-ए- आजम भगत सिंह, सुखदेव एराजगुरु का 87 वी शहादत दिवस मनाया जायेगा।
कार्यक्रम के संयोजक सैय्यद ज़फर अली ने बताया कि लाहौर असेम्बली में बम फेंकने के बाद गिरफ्तार भगत सिंह को 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई। भगत सिंह का बम फेंकने का उद्देश्य जन हानि नहीं बल्कि बहरी अंग्रेज़ प्रशासन को जगाना था। भगत सिंह अंग्रेजो के शोषण और गरीब जनता की पीड़ा को देख व्यथित थे। भगत सिह ने गांधी जी के असहयोग आन्दोलन में भाग लिया। लेकिन वैचारिक मतभेद के कारण क्रांति का अलग रास्ता अख्तियार किया। भगत सिंह का असहयोग आन्दोलन को बीच में स्थगित किए जाने के बाद गांधी से मोह भंग हो गया।
जफर अली ने बताया कि भगत सिंह ने नौजवान सभा का गठन किया । राम प्रसाद बिस्मिल की मौत के बाद नौजवान सभा को क्रांतिकारी संगठन हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन में विलय कर हिंदुस्तान सोसिलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया। भगत सिंह ने अपने साथियों के साथ क्रान्तिकारी विचार को जन जन तक पहुंचाया। उन पर अंग्रेज हुकुमत ने अनेक धारा के तहत सज़ा दी । भगत सिंह को फांसी के बाद क्रांतिकारियो की गतिविधि लगभग समाप्त हो गयी।