बिलासपुर—-जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के नेताओं ने सोमवार को निगम आयुक्त कार्यालय के सामने खाली मटका के साथ जल आवर्धन योजना का विरोध किया। जोगी कांग्रेस नेताओं ने निगम आयुक्त को ज्ञापन के साथ खाली मटका भी दिया। जोगी नेताओं ने जल आवर्धन योजना को धन आवर्धन बढ़ाने की योजना बताया। जोगी बिग्रेड ने मीडिया को बताया कि खूँटाघाट जलाशय से बिलासपुर को पानी देना किसानों की सम्पत्ति को चुराने जैसा है। खूंटाघाट से शहर को पानी देना उसी प्रकार का सफेद झूठ है जिस प्रकार खाली मटके से लोगों को पानी पिलाना होता है। जोगी नेताओं ने सरकार के 181 करोड़ रूपये के भारी भरकम बजट वाली योजना को धन की बरबादी करना बताया है ।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़.जोगी पार्टी के नेता संजय मिश्रा,विकास तिवारी,विकास दुबे और जीतू ठाकुर ने बताया कि जनता के पैसे को बर्बाद करने का नगर निगम ने बीड़ा उठाया है। 2008 में शहर को 25 साल तक जल आपूर्ति कराने योजना लायी गई जिस पर 41 करोड़ रूपये बर्बाद हुये। 82 करोड़ रूपये खर्च किया गया। इस के बाद भी योजना फेल हो गयी। 19 मार्च 2017 को चैौथी बार भी टेस्ट में ही योजना को फेल कर दिया गया। अब 181 करोड़ रूपये फेल योजना पर बर्बाद करने का प्रशासन ने बीड़ा उठाया है।
युवा जकांछ नेताओं ने बताया कि नदी के किनारे बसे शहर को दूसरी जगह से पानी देने के पीछ क्या कारण हो सकते हैं। अन्तःसलीला अरपा नदी शहर के बीच से बहती है।अगर अरपा पर पानी रोकने प्रोजेक्ट बनाये जाता तो बिलासपुर को इतने सालों तक पानी के लिए नहीं तरसना पड़ता। जिला प्रवक्ता विक्रांत तिवारी ने बताया कि निगम प्रशासन और मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग हसदेव कछार की बातों में विरोधाभास है। दोनों अलग.अलग समय सीमा की बात कर रहे हैं। जिसके चलते योजना की सफलता पर सवालिया उठने लगे हैं।
जकांछ नेताओं के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री बिलासपुर को जल संकट से उबारने के लिए अरपा चेकडेम बनवाया। इसी तरह यदि काम किया जाता तो अरपा का जलस्तर बढ़ाया जा सकता था। किन्तु निगम प्रशासन ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया।
नेताओं ने आयुक्त से निवेदन करते हुए कहा कि लगातार फेल योजना को तत्काल बंद कर दिया जाए। अरपा का जल स्तर बढ़ाने की तरफ ध्यान देिया जाए। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो जोगी जोगी कांग्रेस पार्टी जनआंदोलन के लिए बाध्य होगी।
निगम आयुक्त सौमिल रंजन चौबे ने कहा कि बताया कि सरफेस लेवल नियंत्रित करने के लिए योजना तैयार की गयी। योजना केन्द्र सरकार से स्वीकृति है। इसके लिए सभी कागजी कार्रवाई हो चुकी है। सिंचाई विभाग से ईएनसी ने सारी कार्रवाई पूरी कर ली है।
मुख्य अभियंता हसदेव कछार
मुख्य अभियंता हसदेव कछार ने बताया कि खूंटाघाट जलाशय में पानी लाने के लिए कटघोरा के अरिहन नदी का सर्वे किया जा रहाहै। सर्वे में करीब दो करोड़ खर्च होंगे। सर्वे का काम पहले चरण में है। पूरा होने में तीन से चार साल लगेंगे। मुख्य अभियंता ने बताया कि जब तक पानी नही आएगा…खूंटाघाट से पानी नही दिया जाएगा। नगर निगम ने किस आधार पर योजना तैयार कर टेंडर जारी किया है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
दस साल से बारिश कम
निगम आयुक्त ने बताया कि सीई ने किस आधार पर बयान दिया है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। पिछले दस साल से ठीक से बारिश नही हुई है। मानसून लगातार कमजोर रहा है। जिसके कारम खूंटाघाट जलाशय ठीक से भराव नहीं हुआ। आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछ सालों की बारिश से जलाशय में 60 से 65 प्रतिशत जल भराव हुआ है। निगम आयुक्त सौमिल रंजन चौबे ने बताया कि योजना से किसानों को सबसे अधिक फायदा होगा। फसल की अच्छी पैदावार होगी। रकबा का विस्तार होगा। शहर को भी पेयजल का लाभ मिलेगा। बिलासपुर का वाटर सरफेस लेबल बढ़ेगा।
जलआवर्धन योजना के विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में विश्म्भर गुलहरे, विकास दुबे, बंटी खान, दीपक राजपूत, मार्गेट बेंजामीन, डिकेश डहरिया, आशा साहू, देवनारायण साहू, राजकुमार यादव, सुशीला खजुरिया, वहाब अली, राहुल पहुँचेल, करण मधुकर, प्रदीप कुर्रे, मोईन खान, गोपाल यादव, बसंत गोरख, मनोज वर्मा, मोबीन खान, सागर मंगेशकर, राजेश कोशले, इम्तियाज अली, शेख दानिश,कलेश रात्रे, लक्ष्मेन्द्र राव समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।