बिलासपुर— सातवें वेतन मान की घोषणा मॆ संशय की स्थिति और लिपिक वर्गों को चार स्तरीय वेतनमान दिए जाने की मांग को लेकर कर्मचारी फेडरेशन रायपुर में 6 अप्रैल को महारैली का एलान किया है। कर्मचारियों ने राजस्थान सरकार की तर्ज पर लिपिक वेतनमान में सुधार समेत 14 सूत्रीय मांग सरकार के सामने रखने का फैसला किया है।
कर्मचारी नेता रोहित तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री प्रदेश कर्मचारियों को 1 अप्रेल 2017 से सातवें वेतनमान का लाभ देने का एलान विधानसभा में किया। घोषणा के बाद प्रदेश कर्मचारियों में संशय की स्थिति बनी हुई हैं। जबकि केन्द्र सरकार और अन्य राज्यों जैसे मध्य प्रदेश ने अपने कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से वेतनमान का लाभ देने का फैसला किया है। रोहित ने बताया कि अन्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों को वेतन लागू तारीख के पूर्व की राशि एरियस के रूप मे नगद अथवा किस्तों में देने को कहा है। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने पूर्व की तिथि का एरियस सम्बन्धी कोई जिक्र नहीँ हैं l
रोहित ने बताया कि कर्मचारी फेडरेशन के चार स्तरीय वेतनमान समेत 14 सूत्रीय माँग पर विचार नहीं किए जाने से कर्मचारियों में नाराजगी हैं। फेडरेशन ने 14 बिंदुओं पर संघ कार्यालय रायपुर में बैठक कर महारैली करने का फैसला किया है। बैठक में सर्व सम्मति से प्रदेश के 22 मान्यता प्राप्त और पंद्रह पंजीकृत संघों ने लम्बित मांगो पर शाशन का ध्यान आकृष्ट करने 6 अप्रेल को ध्यानाकर्षण महारैली का ऐलान किया हैं।
छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री रोहित तिवारी ने बताया की छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद फेडरेशन के विभिन्न मांगो में लिपिको के वेतन विसंगति की माँग भी शामिल हैं। यह लिपिक संघ की बड़ी उपलब्धि हैं l राजस्थान सरकार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी लिपिक वेतनमान में सुधार की माँग छह अप्रेल की महारैली में विशेष रूप से शामिल रहेगी। रोहित ने प्रदेश के सभी लिपिक कर्मचारियों को माँग के समर्थन में राजधानी रायपुर में आयोजित महारैली में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने को कहा है।