अरपा भैंसाझार योजना में भ्रष्टाचार…जोगी के आरोप पर बृजमोहन का इंकार

BHASKAR MISHRA
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CG-VIDHAN-SABHA.previewबिलासपुर—विधायक अमित,रेनू जोगी और अमरजीत भगत  ने बिलासपुर जिले के कोटा क्षेत्र में अरपा भैंसाझार परियोजना में भारी भ्रष्टाचार और अनियमितता का मामला ध्यानाकर्षण प्रस्ताव उठाया।

                     अमित जोगी ने कहा कि केंद्रीय जल आयुक्त नई दिल्ली को सिंचाई विभाग ने  योजना के संबंध में गलत जानकारी दी है। अरपा और  उसकी सहायक नदी,नालों में एनीकट या बाँध नहीं बना है। अरपा और उसकी सहायक नदी नालों में 9 सिंचाई परियोजनाएं बनी हैं। 66 क्यूसेक पानी का उपयोग सिंचाई विभाग कर रहा है।

               सदन में अमित ने बताया कि भैंसाझार परियोजना की लाइव स्टोरेज क्षमता 164 मिलियन घन मीटर है। प्रस्तावित सिंचित रकबा 25 हजार हेक्टेयर भूमि बताया जा रहा है। दरअसल विभाग ने लोगों को अँधेरे में रखने का काम किया है. एक मिलियन घन मीटर पानी से 500 हेक्टेयर की सिंचाई होती है। 30 प्रतिशत पानी निस्तार के लिए स्टोर रखना होता है। ऐसे में 492 मिलियन घन मीटर पानी स्टोर रखने के बाद बाकी बचे 1148 मिलियन घन मीटर से सिर्फ 5 हजार 7 सौ हेक्टेयर भूमि की ही सिंचाई हो सकती है। जबकि 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की बात की जा रही है। इसका अर्थ है कि 25 हजार हेक्टेयर भूमि को दो.दो बाल्टी पानी से सींचा जाएगा।

                     अमित जोगी ने आरोप लगाया कि ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए योजना की लागत दुगनी.तिगनी कर 1141.90 करोड़ रुपये कार्यपालन अभियंता और ठेकेदार मिलीभगत कर बंदरबाट करना चाहते हैं। जोगी ने बताया कि 10 से 14 मार्च के बीच 5 दिन में ठेकेदार को 10 करोड़ का फर्जी भुगतान किया गया है।

अमित जोगी ने कहा कि प्रस्तावित 25 हजार हेक्टेयर भूमि में से बिल्हा क्षेत्र में नहरों से पानी पहुंचाने के लिए विभाग ने एक और कारनामा किया है। केंद्रीय जल आयुक्त से 250 ट्यूब बेल खनन करने और ट्यूब बेल से नहर में पानी डालने की अनुमति मांगी है। विभाग को मालूम है कि ट्यूब बेल से नहर में पानी डालकर खेतों तक पानी पहुंचाना असंभव है। यह सब काल्पनिक है क्योंकि 1992 में बिल्हा क्षेत्र में 25 ट्यूब बेल नलकूप योजना के तहत सिंचाई के लिए लगाए गए थे। जिनमें से 17 ट्यूब बेल पानी नहीं होने के कारण खनन नहीं किये गए।

                    मामले में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अमित जोगी के तर्क और आंकड़ों को नकारत हुए भ्रष्टाचार की शिकायत को एक सिरे से खारिज कर दिया। जल संसाधन मंत्री बृजमोहन ने सदन को बताया कि परियोजना को सफल है। विभाग ने जितने हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य रखा है उतनी भूमि तक पानी पहुँचाया जाएगा।

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