रायपुर।राज्य सरकार के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रदेश के सभी 27 जिलों के 20 हजार 208 ग्रामों में से 19 हजार 352 ग्रामों के खसरा एवं बी-1 को ‘भुईंया’ सॉफ्टवेयर के माध्यम से तथा 19 हजार 112 ग्रामों के भू-नक्शों को ‘भू-नक्शा’ सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाईन कर दिया गया है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में लगे गांवों का नये सिरे से सर्वेक्षण कर नया नक्शा तथा रिकार्ड बनाया जा रहा है।राज्य में ‘ई-धरती’ कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी। ई-धरती कार्यक्रम में शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के आबादी भूमि का भी सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस कार्य के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 में 29 करोड़ रूपए के बजट का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के सभी राजस्व न्यायालयों को ई-कोर्ट न्यायालय में परिवर्तित कर उन्हें ऑनलाईन करने हेतु कार्य प्रक्रियाधीन है। प्रदेश के कोरबा एवं कोरिया जिले में पायलट के रूप में ई-कोर्ट प्रारंभ किया गया है।
ई-कोर्ट प्रारंभ होने से राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों की सतत सुनवाई तुरंत निराकरण और पारदर्शिता में वृद्धि होगी और पक्षकारों को उनके प्रकरणों में की जा रही कार्यवाही कहीं से भी कभी भी प्राप्त की जा सकेगी। इस कार्य के लिए चालू वित्तीय वर्ष मंे नौ करोड़ 10 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा सभी पटवारियों के बस्ते को ई-बस्ते में परिवर्तित करने के लिए पटवारियों को टेबलेट प्रदान करने का निर्णय लिया है। भविष्य में पटवारियों के टेबलेट में कम्प्यूटरीकृत अभिलेख उपलब्ध रहेगा। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 में पांच करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया। वर्तमान में सभी तहसीलों में लोक सेवा केन्द्र खाले गए हैं। जहां पर आवेदन कर आवेदक अपनी भूमि के अभिलेखों की कम्प्यूटीकृत नकल प्राप्त कर सकता है।