एक साल मे रेल्वे ने बिछाई 2855 किमी नई लाइन

Shri Mi
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railwaal_picasa- Copyबिलासपुर।भारतीय रेल में आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए नई लाइनों के निर्माण, दोहरीकरण, तिहरीकरण के कार्य तीव्र गति से किये जा रहे है। इन सभी कार्यो के जल्द से जल्द निर्माण के पश्चात तय समय में कमिशनिंग होने का लाभ भी रेलवे लदान में वृद्धि और नई गाड़ियों के परिचालन में आसानी के रुप में दिखाई दे रही है।वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान संपूर्ण भारतीय रेलवे में कुल 2855 किलोमीटर नई लाइन, आमान परिवर्तन एवं दोहरीकरण के कार्य कमिशनिंग किए गये, जो कि अब तक का सर्वोच्य है। इन कार्यो में 953 किलोमीटर नई लाइन एवं उत्तर पूर्व क्षेत्रों में अवस्थित पूरे मीटर गेज लाइनों का बड़ी लाइन में गेज परिवर्तन शमिल है।
                               वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान 2000 किलोमीटर रेल लाइनों के विद्युतीकरण के लक्ष्य के सापेक्ष में कुल 2013 किलोमीटर रेल लाइनों को विद्युतीकृत किया गया, जो कि अब तक का किसी भी वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक है। 1503 मानवरहित एवं 484 मानवसहित रेल क्रासिंगों/फाटकों को वैकल्पिक व्यवस्था के उपरांत खत्म किया गया, 1306 रोड ओवर ब्रिज एवं सब-वे का निर्माण किया गया एवं 750 पुलों का पुनरोद्वार किया गया। ये सभी कार्य भी किसी भी वित्तीय वर्ष में किये गये सर्वाधिक एवं सर्वश्रेष्ठ कार्य है।
                                    इसके साथ ही साथ वित्तीय वर्ष 2016-17 में 45 फ्रेट टर्मिनल की कमिशनिंग की गई जबकि अब तक की कमिशनिंग का औसत 27 है। इसी प्रकार 658 लोकोमोटिव के निर्माण किये गए, जो कि अब तक का सर्वश्रेष्ठ निर्माण है, जबकि पिछला सर्वश्रेष्ठ निर्माण पिछले वर्ष का 621 लोकोमोटिव था।इसके साथ ही साथ वित्तीय वर्ष 2016-17 में 4280 पैसेन्जर कोचों के निर्माण किये गए, जो कि अब तक का सर्वाधिक एवं सर्वश्रेष्ठ है,जबकि पिछले वर्ष का 3978 पैसेन्जर कोचों का निर्माण सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।निश्चित ही आधारभूत संरचनाओं के विकास संबंधी इन कार्यो के तीव्र गति एवं अधिक मात्रा में पूरा होने से भारतीय रेलवे को एक नयी गति मिली है।
By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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