बिलासपुर । जिले के मस्तूरी विकासखण्ड में ग्राम मचखण्डा खुले शौच से मुक्त ग्राम बन गया है। इस ग्राम में मंगलवार को स्वच्छता उत्सव मनाकर स्वच्छता को इसी तरह कायम रखने का संकल्प गांववालों ने लिया। इस उत्सव में संभागायुक्त सोनमणि बोरा भी शामिल हुए। उन्होंने गांववालों को बधाई दी और कहा कि स्वच्छता, शिक्षा व स्वास्थ्य जीवन के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए सभी संकल्प लेकर अपने घर के आसपास एवं गांव को साफ-सुथरा रखें तथा सरकार ने उनके घरों में शौचालय बनाकर दिया है, उसे भी साफ-सुथरा रखें और इस्तेमाल करें।
ग्राम मचखण्डा की आबादी 1825 है तथा 347 परिवार निवासरत हैं। 32 घरों में पहले से शौचालय बने हुए थे, किन्तु 315 घर ऐसे थे, जिनके यहां शौचालय नहीं था और ग्रामीण शौच के लिए बाहर जाते थे। स्वच्छ भारत मिशन के तहत् गांव को खुले शौच से मुक्त करने के लिए सरपंच के प्रयास से ग्रामीणों में जागरूकता आई और अपने-अपने घरों में शौचालय निर्माण कराने का प्रण लिया। सरकार द्वारा 12 हजार रूपये एक शौचालय निर्माण हेतु खर्च किया जाता है। इस राशि से ग्रामीणों ने अपने घरों में शौचालय निर्माण कराया है। साथ ही इस ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम बम्हनीकला में भी 119 घरों में शौचालय निर्माण कार्य पूर्णता की ओर है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री बोरा ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि विकास का तब तक मतलब नहीं जब तक हमारा घर न सुधरे। हम श्रमदान कर गांव के वातावरण को ऐसा स्वच्छ व पवित्र बनाएं जहां पर गंदगी, कीड़े व बीमारिया प्रवेश न कर सकें।
कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने कहा कि ग्रामवासियों ने बहुत सराहनीय कार्य किया है। गांव को खुले शौच से मुक्त ग्राम बनाने में महिलाओं ने भी योगदान दिया। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वे स्वयं शौचालय का उपयोग करें तथा अपने आसपास के लोगों, रिश्तेदारों को भी इसके लिए प्रेरित करें। जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक साहू, जनपद पंचायत मस्तूरी के उपाध्यक्ष विक्रम सिंह, सदस्य बबीता कैवर्त ने भी ग्रामीणों को उनकी इस उपलब्धी के लिए बधाई देकर स्वच्छता को सदैव बनाए रखने हेतु प्रेरित किया ।
गांव में इस उल्लेखनीय कार्य के लिए सरपंच पंचराम, उपसरपंच सहित अन्य पंचगणों एवं ग्रामीणों को मंच पर बुलाकर श्री बोरा ने स्मृति चिन्ह व सम्मान पत्र भेंट किया।