इंजीनियर बनना चाहता है भकुर्रा का लाल

BHASKAR MISHRA
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cgvyapamबिलासपुर– भकुर्रा का लाल इंजीनियर बनना चाहता है।यद्यपि माता पिता बहुत गरीब हैं लेकिन उसके इरादे बहुत मजबूत हैं। गनियारी के पास एक छोटे से गांव को योगेश केवट ने प्रदेशवासियों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। योगेश ने दसवीं बोर्ड परीक्षा की मेरिट लिस्ट में छठवां स्थान हासिल किया है। माता पिता खेती मजदूरी का काम करते हैं। पिता पाचवीं पास तो मां अगूठा छाप है।

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                      सुबह जैसे ही दसवीं बोर्ड का परिणाम घोषित किया गया। लोगों ने भकुर्रा गांव को तलाशना शुरू कर दिया। भकुर्रा..बिलासपुर जिले के कोटा रोड गनियारी के पास एक छोटा सा गांव है। गांव शराब और ओडिएफ को लेकर चर्चा में रहा है। लेकिन योगेश ने कुछ ऐसा कर दिखाया कि लोगों ने भकुर्रा गांव को सिर माथे पर लगा लिया। योगेश कैवर्त दसवीं बोर्ड की परीक्षा में जारी मेरिट लिस्ट में छठवां स्थान हासिल किया है। उसने 96.83 प्रतिशत अंक हासिल किया है। जबकि उसके परिवार की न तो आर्थिक स्थित ठीक है और ना ही घर में कोई ज्यादा पढ़ा लिखा ही है।

        योगेश कैवर्त ने बताया कि उसके पिता केवल पांचवी तक पढ़े हैं। मां फढी लिखी नहीं है लेकिन शिक्षा के महत्व को अच्छी तरह से जानती है। योगेश की माने तो वह स्कूल की पढ़ाई के दम पर प्रदेश में छठवां रैंक हासिल किया है। मेरी सफलता में द्वारिका प्रसाद शुक्ल स्कूल के शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षकों ने ही हरसंभव मदद की। समय निकालकर पढ़ाया।

                              बातचीत के दौरान योगेश ने बताया कि पिता कन्हैया लाल केैवर्त और माता जानकीबाई खेती मजदूरी करते हैं। पिता पढ़ाई 8 वीं के बाद पढाई छोड़ दी। मां ने स्कूल का मुंह तक नहीं देखा है। कम पढे लिखे होने के बाद भी माता पिता ने उसकी पढ़ाई का बराबर ख्याल रखा। इसलिए स्कूल में जो भी पढ़ाया जाता था उसका घर में आकर प्रैक्टिस करता था। मेरी सफलता में शिक्षकों का अहम् योगदान है। कुछ शिक्षक तो घर आकर मार्गदर्शन करते थे।

                           योगेश ने बताया कि यदि सामाजिक विज्ञान का पेपर खराब नहीं जाता तो उसका रैंक कुछ और होता। फिर भी मैं परिणाम से संतुष्ट हूं। वह इंजीनियर बनना चाहता है। गणित उसका पसंदीदा विषय है।

           योगेश ने माना कि इंजीनियरिंग के बारे में उसे बहुत जानकारी नहीं है। यदि शिक्षकों का मार्गदर्शन मिला तो ना केवल इंजीनियरिंग के बारे में जान जाउंंगा। बल्कि इंजीनियर भी बनकर दिखाउंगा।

                   योगेश का एक बड़ा भाई भी है। 11 वीं के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी है। खेती मजदूरी कर परिवार को आर्थिक मदद करता है।

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