रायपुर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई।बैठक के बाद उद्योग और वाणिज्यिक -कर मंत्री अमर अग्रवाल ने मंत्रिपरिषद के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने सरकारी कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 जनवरी 2016 से लागू करने का निर्णय लिया है। शासकीय कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुसार नगद वेतन भुगतान जुलाई 2017 से किया जाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार के लगभग दो लाख 60 हजार कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा और शासन पर 3500 करोड़ का अतिरिक्त वार्षिक भार आएगा।
मंत्रिपरिषद में लिए गए निर्णय के अनुसार सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर लागू केन्द्रीय वेतनमान के अनुरूप राज्य कर्मचारियों को भी सातवां वेतनमान दिया जाएगा। यह एक जनवरी 2016 से लागू होगा और नये वेतन का नगद भुगतान जुलाई 2017 से किया जाएगा। इसके मुख्य बिन्दु इस प्रकार होंगे-वेतन बैंड तथा ग्रेड वेतन की वर्तमान प्रणाली के स्थान पर नया वेतन मैट्रिक्स लागू होगा। कर्मचारियों का वर्तमान श्रेणी वेतन मैट्रिक्स में निर्धारित लेवल के आधार पर तय होगा। कर्मचारियों के लिए लागू सभी वर्तमान 17 ग्रेडों को नये वेतन मैट्रिक्स मंें समाहित किया जाएगा। न्यूनतम वेतन वर्तमान में 6050 रूपए है, उसके स्थान पर यह 15600 होगा।
वेतन पुनरीक्षण के लिए वर्तमान मूल वेतन के 2.57 गुणांक के आधार पर पुनरीक्षित मूल वेतन का निर्धारण वेतन मैट्रिक्स में निर्धारित स्तर पर किया जाएगा। वेतन वृद्धि की दर पूर्ववत तीन प्रतिशत रहेगी। जुलाई 2017 के वेतन से नगद भुगतान किया जाएगा और जनवरी 2016 से जून 2017 तक की बकाया राशि के भुगतान के संबंध में अलग से निर्णय लिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ पेंशनरों को भी राज्य पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों के तहत मध्यप्रदेश शासन की सहमति प्राप्त करने के बाद सातवें वेतन की अनुशंसा का लाभ दिया जाएगा। मकान किराया भत्ता और अन्य भत्ते के लिए अलग से निर्णय लिया जाएगा।