बिलासपुर– छत्तीसगढ़ राज्य लिपिक शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री रोहित तिवारी ने सातवां वेतन सरकार की मजबूरी कहा है। उन्होने चार स्तरीय वेतनमान ज़रूरी बताया है। रोहित तिवारी ने केबिनेट बैठक मे सातवें वेतनमान की मंजूरी को स्वागत किया। महामंत्री ने कहा कि सातवें वेतनमान का फायदा तभी होगा जब सरकार लिपिकों के चारस्तरीय वेतनमान में सुधार करेगी। अन्यथा छत्तीसगढ का लिपिक कर्मचारियों को अन्य राज्यों की तुलना में सातवें वेतनमान का फायदा ऊंट के मुंह में जीरा है।
,छग प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री ने कहा कि चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र मे है। बिना चार स्तरीय वेतनमान लागू किये सातवां वेतनमान को लेकर कर्मचारियों मे आक्रोश हैं । रोहित ने बताया कि कर्मचारी ठगा हुआ महसूस कर रहा है।l छग राज्य मे मध्यप्रदेश की तर्ज पर सातवां वेतनमान दिए जाने की सहमति थी। यह जानते हुए भी कि मध्यप्रदेश मे तीन स्तरीय वेतनमान तीन साल पहले से ही दिया जा रहा है। वहीं छत्तीसगढ जैसे समृद्ध राज्य के कर्मचारी मध्यप्रदेश कर्मचारियों से बहुत पीछे हैं।
रोहित ने बताया कि छत्तीसगढ को समृद्ध बनाने में प्रदेश के कर्मचारियों की अहम् भूमिका है। बावजूद इसके कर्मचारीयों के वेतन भत्ते और सुविधाओं को लेकर सरकार का रवैया उदासीन हैं । सरकार की वादा खिलाफी से कर्मचारियों में घुटन है।
लिपिक संघ के प्रदेश महामंत्री रोहित तिवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश ने चुनाव के ठीक एक सात के अन्दर अपने कर्मचारियों को तीन स्तरीय वेतनमान का आदेश जारी किया। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने सत्ता संभालने के बाद घोषणा पत्र को खोलकर भी नहीं देखा। जिसके चलते कर्मचारियों में रोष बढ़ता ही जा रहा है। कर्मचारियों को महसूस हो रहा है कि प्रदेश सरकर जानबूझकर लिपिकों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है।
रोहित तिवारी ने कहा कि चारस्तरीय वेतनमान को लेकर संघ का आंदोलन चल रहा है। पोस्टकार्ड अभियान और लिपिक महापंचायत /महारैली के जरिए शासन का ध्यान आकृष्ट किया गया हैं। उम्मीद है कि सरकार लिपिकों के हितो को गंभीरता से लेगी। यदि माँग पूरी नहीं होती है तो लिपिक कर्मचारी संघ शाशन ने सड़क पर उतरने का भी फैसला कर लिया है। तिवारी ने कहा कि सरकार से निवेदन है कि चार स्तरीय वेतनमान और राजस्थान सरकार की तर्ज पर लिपिक वेतनमान मे सुधार किया जाये l
यदि शाशन ने मांगो पर गौर नहीं किया तो प्रदेश के सभी कार्यालयों का काम काज ठप कर दिया जाएगा।