छत्तीसगढ़ में चूना पत्थर खदान की ऑनलाईन नीलामी

Shri Mi
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subodh_singh

♦राज्य सरकार को मिलेगा ग्यारह हजार से ज्यादा का राजस्व
♦छत्तीसगढ ने चुना पत्थर के अब तक की नीलामी में राजसथान को पीछे छोडा

रायपुर।राज्य सरकार को गौण खनिजों की खदानों की ऑनलाईन नीलामी में आज एक और ऐतिहासिक सफलता मिली है।रायपुर जिले के अंतर्गत तिल्दा तहसील क्षेत्र में केसला (क्रमांक-2) स्थित सीमेंट ग्रेड के चूना पत्थर खदान की ऑनलाईन नीलामी हुई।यह देश का सबसे अधिक मूल्यवान चूना पत्थर है। इस नीलामी से राज्य शासन को ग्यारह हजार करोड़ से भी ज्यादा राजस्व मिलेगा। एमएसटीसी पोर्टल में ऑनलाईन अथवा ई-नीलामी प्रक्रिया के तहत 21 प्रतिशत फ्लोर प्राईज पर फारवर्ड ऑक्शन एक मई को 11 बजे शुरू हुआ और आज दो मई को 10.57 बजे तक अर्थात करीब 23 घण्टे तक जारी रहा।इसमें 600 से भी ज्यादा बोलियां विभिन्न कम्पनियों द्वारा लगाई गई। मेसर्स डालमिया सीमेंट, भारत लिमिटेड द्वारा अधिकतम बोली 96.15 प्रतिशत की लगाई गई, जिसे निर्धारित रिजर्व प्राईज का 20 गुना पाया गया।

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                                  खनिज साधन विभाग के सचिव सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि इस चूना पत्थर ब्लॉक में ई-नीलामी के जरिए खनिज पट्टों की स्वीकृति के लिए विभाग द्वारा राज्य की खनिज नीति के तहत सीमेंट/क्लिंकर निर्माण संयंत्र स्थापना की भी शर्त रखी गई है।राज्य शासन का यह अनुभव है कि खनिज संसाधनों का वेल्यू एडिशन राज्य के भीतर होना चाहिए, ताकि स्थानीय खनिजों के दोहन से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का बेहतर सामाजिक-आर्थिक विकास हो सके। केसला (2) चूना पत्थर खदान 357 हेक्टेयर में है, जिसमें लगभग 215 मिलियन टन सीमेंट श्रेणी के चूना पत्थर होने का आकलन किया गया है। उन्होंने बताया सर्वोच्च बोली के आधार पर जिस कम्पनी-मेसर्स डालमिया सीमेंट भारत लिमिटेड को यह खदान आवंटित की जाएगी। उसके द्वारा खदान की सम्पूर्ण अवधि राज्य शासन को कुल रायल्टी, डीएमएफ, एनएमईटी इत्यादि के रूप में 1900 करोड़ रूपए तथा ऑक्शन मनी के रूप में 9967 करोड़ 47 लाख रूपए अतिरिक्त दिए जाएंगे।

                                 आज हुई ई-नीलामी में चार कम्पनियों ने हिस्सा लिया, जिनमें मेसर्स डालमिया सीमेंट भारत लिमिटेड, मंगलम् सीमेंट लिमिटेड, अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड और अदानी सीमेंटेशन शामिल हैं। भारतीय खनन ब्यूरो (आईबीएम) द्वारा चूना पत्थर हेतु निर्धारित सेल प्राईज का पांच प्रतिशत राज्य शासन द्वारा रिजर्व प्राईज रखा गया था।

                                सुबोध कुमार सिंह ने बताया देश में खनिज संसाधनों के आवंटन में पारदर्शिता और खनन प्रक्रिया से अर्जित लाभ में राज्यों की बेहतर हिस्सेदारी के लिए केन्द्र सरकार द्वारा जनवरी 2015 में खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 में व्यापक संशोधन किया गया है। इसके अंतर्गत खनिज संसाधनों का आवंटन ई-नीलामी के जरिए करने का भी प्रावधान किया गया है। देश में अब तक 20 खदानों की ई-नीलामी सफलतापूर्वक पूर्ण की गई है।पिछले साल फरवरी 2016 में छत्तीसगढ़ ने चूना पत्थरों की दो खदानों सहित एक स्वर्ण ब्लॉक की भी सफलतापूर्वक ई-नीलामी की गई थी। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य था।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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