सुकमा /बुर्कापाल/बिलासपुर—आप” कार्यकर्ताओं ने बुर्कापाल में शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि दी है। सरकार से नक्सलियों के साथ शांति वार्ता शुरू करने को कहा है। आप नेताओं ने सोनी सोढ़ी की अगुवाई में ग्राउंड जीरो पहुंचकर मोमबत्ती जलाई। घटनास्थल का अवलोकन किया। पेड़ों में लगी गोलियों के निशान भी देखे। सोनी सोढ़ी और संकेत ठाकुर ने बुर्कापाल के ग्रामीणों से भी मुलाकात की।
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने ग्राउंड जीरो सुकमा जिले के बुर्कापाल पहुंच नक्सली हमले में शहीद 26 जवानों को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजली दी। दो मिनट का मौन रखा…। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आप नेत्री सोनी सोरी और सुकमा के पूर्व सीजीएम प्रभाकर ग्वाल के नेतृत्व में बुर्कापाल स्थित सीआरपीएफ केैम्प का दौरा भी किया। आप की टीम ने दोरनापाल से बुर्कापाल के बीच रास्ते में पड़ने वाले 5 सीआरपीएफ केम्प और 2 पुलिस थाना में तैनात जवानों से मुलाकात की । बुर्कापाल के 74बटालियन सीआरपीएफ केम्प के डिप्टी कमाडेंट से मिलकर शहीद जवानों के प्रति अपनी गहन संवेदना व्यक्त की ।
दल में रायपुर से आप नेता डॉ संकेत ठाकुर, महिला विंग प्रमुख दुर्गा झा, दंतेवाड़ा से सुकल प्रसाद नाग, बीजापुर से तिरुपति येलम, सुकमा से रामदेव बघेल एवं गीदम से लिंगाराम कोडोपी समेत कई कार्यकर्ता शामिल थे । मालूम हो कि माओवादियों के गढ़ में सुरक्षाबलों से मिलने वाली सामाजिक-राजनैतिक संस्थाओं में आम आदमी पार्टी पहली संस्था है। बुर्कापाल के मुठभेड़ स्थल ग्राउंड ज़ीरो पर पहुंचकर आप कार्यकर्ताओं ने पेड़ो पर गोलियों के निशान भी गिने।
आप नेताओं ने बुर्कापाल के ग्रामीणों से मुलाकात की। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के पुरुष बस्ती छोड़कर अज्ञात स्थान में चले गये है । 6 पुरुषो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है,। इनमें से एक की पत्नी जोगा हेमला ने बताया कि वह गर्भवती है। गर्भ से बच्चा आने को है लेकिन भीषण दर्द की वजह से चलने में अक्षम पा रही है । बेहद दुर्गम रास्ता होने की वजह से उसने आप टीम के साथ चलने में अपनी असमर्थता जताई । आप नेत्री सोनी सोरी ने जिला प्रशासन से एम्बुलेंस भेजकर प्रसव गांव में करवाने का निवेदन किया।
आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ सरकार से बुर्कापाल के प्रत्येेक शहीद जवानों के परिवार को एक-एक करोड़ की सहायता राशि देने की मांग की। सोनी सोरी ने बताया कि बस्तर में हिंसा का दौर समाप्त होना चाहिए। माओवादियों और सुरक्षाबलों के संघर्ष में आदिवासी परेशान हो रहे है । दहशत में गांव के गांव खाली हो रहे हैं। बुर्कापाल और चिंतागुफा लगभग वीरान हो गयेहै । बस्तर में शांति के लिए सरकार को तत्काल शांतिवार्ता करनी चाहिए।