कहां हैं…लाखों बजट वाले निगम के 5 अस्पताल…

BHASKAR MISHRA
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nagar nigam 1बिलासपुर—बिलासपुर वासियों और खासतौर पर निगम क्षेत्र के निवासियों से एक सवाल है..कि बिलासपुर नगर निगम प्रशासित कितने अस्पताल हैं…शायद ही इसका जवाब सही- सही कोई दे पाए….हो सकता है कुछ लोग…जिनकी गिनती पुरानों में होती है..दो एक अस्पताल का नाम बता दें… लेकिन दावे के साथ कहा जा सकता है कि शहर में किसी को भी नहीं मालूम कि निगम प्रशासित अस्पतालों की कुल संख्या 6 हैं। प्रश्न नहीं उठना चाहिए कि आखिर 6 अस्पताल हैं कहां…। उत्तर सीजी वाल के पास भी नहीं हैं…। क्योंकि जहां अस्पताल होना बताया जा रहा है वहां के पार्षदों को ही इसकी जानकारी नहीं है…..

                     जी हां शहर में नगर निगम प्रशासित कुल 6 अस्पताल हैं…। लेकिन लोगों को दो एक अस्पताल की ही जानकारी है….निगम की मानें तो सभी अस्पताल जीवित हैं…शायद फाइलों में….। लेकिन सीजी वाल टीम को जमीन पर अस्पताल दिखाई ही नहीं दिया। जाहिर सी बात है कि डॉक्टर भी नहीं दिखाई देंगे। बताते चलें कि निगम के 6 अस्पतालों में 6 डाक्टरों की नियुक्ति है। इसके अलावा कुछ अन्य मेडिकल स्टॉफ भी हैं।

                             28 मार्च 2017 में निगम की सामान्य सभा में अनिल श्रीवास के सवाल ने सभी के कान खड़े कर दिये। अनीता ने निगम प्रशासन से जवाब मांगा कि शहर में निगम प्रशासित कितने अस्पताल हैं…कितने डॉक्टर काम कर रहे हैं…स्टाफ की संख्या क्या है…अस्पतालों पर सालाना कितनी राशि खर्च होती है। निगम सरकार के जवाब से सामान्य सभा के सभी पार्षदों की आंखे फटी की फंटी रह गयी…66 पार्षदों में से किसी को भी 6 अस्पतालों की जानकारी नहीं है…जबकि कुछ पार्षद पांच बार से अधिक समय से निगम का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इतना ही नहीं निगम सरकार के जवाब से वे पार्षद भी परेशान हो गए..जिनके क्षेत्र में अस्पताल का होना बताया गया।

                                 कांग्रेस पार्षद दल प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल ने बताया कि हमारी जानकारी में निगम प्रशासित केवल एक अस्पताल है। उसे भी जोन कार्यालय बनाने के बाद बंद कर दिया गया है। केवल डॉक्टर ओकार शर्मा की जानकारी है। इस समय निगम सफाई अधिकारी बनकर रह गए हैं। इसके अलावा पांच डाकटर कौन है…पिछले दस महीनों से पता लगा रहा हूं…लेकिन अभी तक जानकारी नहीं मिली है।cc_road_nigam

                                                             भाजपा के एक वरिष्ठ नेता और एल्डरमेन ने बताया कि शहर में निगम प्रशासित 6 अस्पताल हैं..। इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। हां दो एक अस्पतालों की जानकारी है। कभी जरूरत महसूस नहीं हुई….इसलिए 6 अस्पतालों की जानकारी के लिए समय बरबाद क्यों करना।

                      शैलेन्द्र ने बताया कि 6 अस्पताल होने की जानकारी अनिता श्रीवास के सवाल के बाद ही हुई। सवाल उठता है कि आखिर पांच अस्पताल हैं कहां…जहां अस्पताल का होना बताया जा रहा है…इसकी जानकारी क्षेत्र के पार्षदो को भी नहीं है।

डाक्टरों पर सालाना 54 लाख रूपए का खर्चा

               अनिता श्रीवास के सवाल पर निगम प्रशासन ने बताया कि 6 अस्पतालों के 6 डाक्टरों पर सालाना 54 लाख 52 हजार,4 सौ 75 रूपए बेतन पर खर्च होते हैं। इसके अलावा स्टाफ और मेडिसिन पर लाखों रूपए खर्च होते हैं। लेकिन निगम ने अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ और दवा दारू का हिसाब नहीं दिया।

90 लाख रूपए से अधिक खर्च

                            कांग्रेस पार्षद प्रवक्ता शैलेन्द्र ने बताया कि डॉक्टरों पर खर्च के अलावा इससे कहीं ज्यादा करीब दो गुना रकम सालाना खर्च होता है। इसका हिसाब नहीं दिया जा रहा है। यद्यपि मैने जानने का प्रयास किया…लेकिन सफलता नहीं मिली।

कहां गए पांच डॉक्टर

                 SHAILENDRA JAISAWAL     शैलेन्द्र ने बताया कि जवाब सुनने से पहले तक केवल एक अस्पताल की ही जानकारी थी। अनिता श्रीवास के सवाल पर 6 अस्पताल में 6 डॉक्टरों का होना बताया जा रहा है। मैने पांचो डाक्टरों को खोजने का प्रयास किया। लेकिन अता पता नहीं है। निगम में अभी तक केवल डॉ ओंकार शर्मा का नाम देखने और सुनने को मिलता है।

निगम अस्पताल और डाक्टर

                        निगम के अनुसार प्रशासित अस्पतालों के नाम–1, पंडित देवकीनंदन आयुर्वेदिक औषधालय…डॉ ओंकार शर्मा और श्रीकांति शर्मा 2, शंकर नगर आयुर्वेदिक औषधालय..कमल नारायण पटेल 3, बंधवापारा सरकंडा आयुर्वेदिक औषधालय..डॉ.वनवाली शर्मा  4,संजय तरण पुष्कर आयुर्वेदिक औषधालय 5, कतियापारा होम्यो औषधालाय…डॉ अशोक आहुजा…6, मंगल भवन आयुर्वेदिक औषधालय जरहाभाठा  है। जैसा कि निगम सरकार ने सामान्य सभा में अनिता श्रीवास के सवाल के जवाब में बताया ।

पांच डाक्टर है भी या नहीं

              अक्सर निगम में केवल डाक्टर ओंकार शर्मा का नाम आता है। पिछले कई सालों से लोगों को समझने में परेशानी हो रही है कि डॉ.शर्मा चिकित्सक है या सफाई अधिकारी…। देखने में आया है कि डॉक्टर सफाई व्यवस्था के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

मेडिसिन के नाम पर पट्टी.टिंचर और बोरेक्स

                  जोन कार्यालय बनने से पहले..पंडित देवकीनंदन औषधालय में दवाई के नाम पर केवल खानापूर्ती देखने को मिली। सीजी वाल की टीम ने अस्पताल में दवाओं के नाम पर केवल रूई,काटन पट्टी,टिंचर और बोरेक्स पाया गया । इसके अलावा कुछ बैंडएड भी दिखाई दिए। कमरा खाली नजर आया। कुर्सियां ऊंघती दिखाई दीं। टेबल पर कुछ पेपर,स्कैण्डल और केलेन्डर देखने को मिला। यदि नहीं मिला तो डॉक्टर…।

                                समझने वाली बात है कि भारी भरकम बजट वाले डॉक्टर आखिर हैं कहां…। यदि हैं तो वे दिखाई क्यों नहीं देते…। अस्पतालों का जब भी जिक्र होता है तो केवल देवकीनंदन औषधालय का ही नाम आता है। जनता ही पता लगाए कि पांच अस्पताल और पांच डाक्टर हैं कहां…। कहीं फाइल में तो गुम नहीं हो गए। यदि ऐसा नहीं है तो…डॉक्टर निगम में कर क्या काम कर रहे हैं।

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