बिलासपुर—झीरम घाटी हत्याकाण्ड मामले में शुक्रवार को जस्टिस प्रशांत मिश्रा की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। जस्टिस प्रशांत मिश्रा के सामने तत्कालीन बस्तर आईजी हिमांशु गुप्ता का प्रतिपरीक्षण किया गया। कांग्रेस अधिवक्ता सुधीश श्रीवास्तव ने हिमांशु गुप्ता पर सवालों की झ़ड़ी लगायी। सवालों के बौछार के बीच सुधीश श्रीवास्तव ने हिमांश गुप्ता से पूछा कि विकास यात्रा और परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था में इतना अंतर क्यों था। परिवर्तन यात्रा में न तो पर्याप्त सुरक्षा कर्मी थे। ना ही बुलेट प्रूफ वाहन। सिपाहियों के पास पर्याप्त हथियार भी नहीं थे।
जबकि विकास यात्रा पर नज़र रखने हैलिकॉप्टर की विशेष व्यवस्था थी। प्रतिपरीक्षण में पूछे गए सवालों के उत्तर में हिमांशु गुप्ता ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से विकास यात्रा ज्यादा महत्वपूर्ण थी। इस बातो को ध्यान में रखकर विकास यात्रा को ज्यादा सुरक्षा दी गई थी।
कांग्रेस अधिवक्ता सुधीश श्रीवास्तव ने इस दौरान कोर्ट के सामने स्वर्गीय महेंद्र कर्मा के पुत्र दीपक कर्मा के कुछ पत्र पेश किए। उन्होने बताया कि पत्र में साफ लिखा है कि स्वर्गीय महेन्द्र कर्मा ने एंबुलेंस , लाइट मशीन गन समेत कई सुविधाएं मांगी थी। लेकिन सरकार ने उनकी मांग को अनसुना कर दिया। बस्तर के तात्कालीन आईजी हिमांशु गुप्ता के प्रतिपरीक्षण के बाद कोर्ट को अगली सुनवाई तक रोका गया।
आयोग की अगली सुनवाई 23 जून को होगी। इस बार तत्कालीन एडीजी नक्सल आरके विज का प्रतिपरीक्षण होगा।