विरोध से पहले शिविर का पैकअप…राजेन्द्र ने लगाई चौपाल..

BHASKAR MISHRA
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IMG-20170520-WA0510 मुंगेली/ बिलासपुर– बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के रामबोड़ में अधिकारियों ने कांग्रेसियों के भय से दो घंटे पहले ही समस्या निवारण शिविर का पैकअप कर दिया। राजेन्द्र शुक्ला के पहुचने से पहले ही शिविर में शामिल ग्रामीणों को अधिकारियों ने विदा कर राहत की सांस ली। लेकिन घात लगाए बैठे राजेन्द्र शुक्ला ने शिविर के सामने ही ग्रामीणों को इकठ्ठा कर चौपाल लगा दिया। शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। समर्थन मूल्य और बोनस के अलावा मनरेगा मजदूरों को भुगतान नहीं किये जाने का आरोप सरकार पर लगाया।

             
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                        बिल्हा विधानसभा क्षेत्र में कमोबेश सभी जगह आयोजित समस्या निवारण शिविर का जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला की अगुवाई में विरोध किया गया। सुराज अभियान के अंतिम दिन समस्या निवारण निवारण शिविर का आयोजन रामबोड़ में किया गया। अधिकारियों ने राजेन्द्र शुक्ला के भय से दो घंटे पहले ही समस्या निवारण शिविर को खत्म कर दिया। इसके पहले राजेन्द्र शुक्ला शिविर पहुंचते अधिकारियों ने सभी ग्रामीणों को घर लौटने का आदेश जारी कर दिया।

                          समय से पहले शिविर खत्म होने के सवाल पर राजेन्द्र शुक्ला ने कहा कि सरकार ने शिविर के बहाने नाराज ग्रामीणों को मनाने का प्रयास किया है। लेकिन जनता सरकार को हटाये बिना खुश होने वाली नहीं है। बिल्हा विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों ने सभी जगह आयोजित समस्या निवारण शिविर का विरोध किया है। जनता ने ही अपनी समस्याओं को उठाने के लिए शिविर बुलाया था। क्योंकि गरीबों की आवाज को अधिकारी और भाजपा नेता अनसुना कर देते थे। इसलिए मुझे जगह जगह आयोजित समस्या निवारण शिविर में आना पड़ा। मैने इमानदारी से जनता की आवाज को उठाने का प्रयास किया। सरकार को जब ग्रामीणों की आवाज पसंद नहीं आयी तो कांग्रेसियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। IMG-20170520-WA0511

                       राजेन्द्र शुक्ला ने बताया कि समझा जा सकता है कि रामबोड़ में हजारों की सख्या में पहुंची शिकायतों को प्रशासन ने सिर्फ दो घंटों में ही रफा दफा कर दिया। यह किसी भी सूरत में संभव नहीं है। दरअसल सरकार और प्रशासन को कांग्रेस से डर था..इसलिए दो घंटे पहले ही रामबोड़ में आयोजित समस्या निवारण शिविर को खत्म कर दिया गया। राजेन्द्र ने बताया कि शिविर से लौट रहे ग्रामीणों में भयंकर आक्रोश देखने को मिला। इसके चलते मुझे शिविर के सामने ही चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याओं को सुनना पड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि रामबोड़ में शिविर के नाम पर केवल खानापूर्ती की गयी है। उनकी समस्याओं को ना तो निराकरण किया गया और ना ही पढ़ा गया।

                             शिविर लगने के दो घंटे बाद अधिकारियों ने सभी को घर जाने को कह दिया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष ग्रामीण राजेन्द्र शुक्ला अनुसार शिविर के बाहर चौपाल में किसानों और गरीबों ने बताया कि अधिकारियों की समस्या निवारण से ज्यादा चिंता कांग्रेसियों के विरोध को लेकर था। इसलिए शिविर को समय से पहले ही खत्म कर दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि सभी समस्याओं को हल कर दिया गया है। इसकी जानकारी उन्हें जल्द ही मिल जाएगी।

राजेन्द्र शुक्ला ने शिविर के बाहर लगाया चौपाल

                         ग्रामीणों की शिकायत सुनने के बाद जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला ने रामबोड़ समस्या IMG-20170520-WA0515निवारण शिविर के बाहर चिलचिलाती धूम में ग्रामीणों के साथ चौपाल लगाया। किसान और ग्रामीणों ने बताया कि उनकी समस्याओं को अधिकारियो ने गंभीरता से नहीं लिया। राजेन्द्र शुक्ला ने किसानों और गरीबों की फऱियाद सुनने के बाद जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। राजेन्द्र शुक्ला और उनके समर्थकों ने किसानों को 2100 रुपये समर्थन मूल्य और 300 रुपये बोनस दिए जाने की मांग की। बिजली बिल कर्ज माफी के लिए भी नारे भी लगाये। इस दौरान कांग्रेसियों ने झण्डा लहराते हुए हाथ में काली पट्टी बांधकर सरकार की रीति और नीति का भी विरोध किया। नारेबाजी के दौरान शिविर में शामिल होने पहुंची ग्रामीण जनता ने भी सहयोग किया। चौपाल में कांग्रेस पार्टी के सभी प्रकोष्ठ के नेता मौजूद थे।

दो घंटे पहले शिविर खत्म

                 नियमानुसार शिविर का आयोजन 9 से 1 बजे तक किया जाना है। एक स्थान को क्लस्टर बनाकर दस गावों की जनता की समस्याओं को निराकरण करना होता है। लेकिन पथरिया के रामबोड़ में शिविर को साढ़े ग्यारह बजे ही खत्म कर दिया गया। ग्रामीणों और कांग्रेसियों के अनुसार लगातार विरोध होने के कारण अधिकारियों ने शिविर को समय से पहले ही खत्म कर दिया गया। इस दौरान जिला प्रशासन ने कांग्रेसियों के विरोध को देखते हुए शिविर के चारो तरफ पुलिस बल को तैनात कर दिया था।

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