बिलासपुर—निगम प्रशासन पाक साफ है….क्योंकि वह देखना ही नहीं चाहता कि शहर में कहां और कौन आवासीय प्लाट पर…कमर्शियल फ्लैट बनवा रहा है। टीएनसी मामले से अंजान है…क्योंंकि उसे मालूम ही नहीं कि नक्शे के साथ कौन खिलवाड़ कर रहा है..। जिला पंजीयन कार्यालय बेखबर है…क्योंकि उसे मालूम ही नहीं कि कौन उसके आंख में धूल झोंक कर…..टैक्स चोरी कर रहा है। कहने का मतलब सभी लोग दूध के धुले हैं…लेकिन जानकारी सभी को है…। मजेदार बात तो यह है कि पार्षद भी नहीं जानता कि नंदू गैरेज के पीछे दिव्यानंद पटेल की आवासीय जमीन पर अवैध कमर्शियल काम्प्लेक्स का निर्माण दो बिल्डर कर रहे हैं।
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निगम प्रशासन के नाक के नीचे आवासीय प्लाट में कमर्शियल काम्प्लेक्स लगभग पूरा होने को है। तीन महीने से तेजी के साथ निर्माण चल रहा है। इसकी जानकारी क्षेत्र की जनता के साथ वार्ड पार्षद को भी है…लेकिन अंजान रहना उसकी मजबूरी है। महापौर भी अवैध निर्माण की जानकारी रखते हैं…अंजान रहने की उनकी मजबूरी को भी समझा सकता है…।..चूंकि आयुक्त कभी मिलते नहीं…इसलिए कहना मुश्किल है कि उन्हें इसकी जानकारी है भी या नहीं….। लेकिन सीजी वाल का दावा है कि नंदू गैरेज के पीछे आवासीय प्लाट पर कमर्शियल काम्प्लेक्स निर्माण की जानकारी निगम अधिकारी से लेकर…महापौर और पार्षदों को अच्छी तरह से है। । क्योंकि भवन शाखा प्रभारी ने ही स्वीकार किया है कि सीजी वाल टीम से जानकारी मिलने के बाद बिल्डर को नोटिस जारी किया गया है। जल्द ही दूसरी नोटिस थमाया जाएगा।
पिछले तीन महीने से तेलीपारा क्षेत्र में नंदू गैरेज के पीछे टीएनसी से पास आवसीय प्लाट में कमर्शियल काम्प्लेक्स का निर्माण हो रहा है। निगम और टीएनसी के आंख में धूल झोंक कर 26 दुकानों का कमर्शियल काम्पलेक्स अवैध तरीके बनाया जा रहा है। सीजी वाल ने करीब चार से पांच बार इसकी जानकारी भवन शाखा को दी…बावजूद इसके बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी है। हर बार निगम भवन शाखा नोटिस भेजने की बात करता है…निगम भवन शाखा का दावा है कि एक बार नोटिस भेजा चुका है। जल्द ही दूसरी नोटिस को तामिल किया जाएगा। यदि बिल्डर जवाब नहीं देता है तो निर्माण कार्य के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
तेलीपारा क्षेत्र में नंदू गैरेज के पीछे खसरा नम्बर 540/1 दिव्यानंद पटेल का एक प्लाट है। प्लाट का रकवा करीब…..एकड़ है। नगर ग्राम निवेश विभाग के अनुसार खसरा नम्बर 540/1 आवासीय भूमि है। आवास के अलावा कमर्शियल उपयोग नहीं किया जा सकता है। लेकिन मौके पर सीजी वाल ने पाया कि आवासीय प्लाट में 26 दुकानों का कमर्शियल काम्प्लेक्स बनाया जा रहा है। ज्यादातर दुकानों को पचास लाख में बेच भी दिया गया है। इतना ही नहीं कमर्शियल काम्प्लेक्स में दुकानों की मांंग के मद्देनजर डबल स्टोरी निर्माण किया जा रहा है। आश्चर्य की बात है कि निगम प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है। यह कैसे संभव है।
आवासीय प्लाट पर कमर्शियल काम्प्लेक्स संभव नहीं
निगम भवन शाखा प्रभारी और मुख्य अभियंता अरूणा शर्मा ने बताया कि आवासीय प्लाट पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण करना अपराध है। नगर ग्राम निवेश विभाग में शहर के सभी जमीनों का ग्रेड निश्चित है। नियम के खिलाफ निर्माण नहीं किया जा सकता है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। दस्तावेज के अनुसार नंदू गैरेज के पीछे दिव्यानंद पटेल की जमीन आवासीय प्लाट में आता है। दुकान या काम्प्लेक्स का निर्माण नियम विरूद्ध है। कमर्शियल काम्प्लेक्स निर्माण के पहले टीएनसी,राजस्व और निगम प्रशासन से अनुमति लिया जाना होता है। दिव्यानंद पटेल के आवासीय भूमि को लेकर ऐसा कुछ नहीं किया गया है।
दूसरी नोटिस के पहले मुआयना
सीजी वाल टीम की शिकायत पर निगम भवन शाखा प्रभारी अरूण शर्मा ने नंदू के गैरेज के पीछे निर्माणाधीन काम्प्लेक्स का मुआयना किया। उन्होंने सीजी वाल को बताया कि शिकायत सही पायी गयी है। बिल्डर को एक बार नोटिस दिया जा चुका है। अभी तक जवाब नहीं मिला है। चूंकि शिकायत सही है…इसलिए दूसरा आदेश भी निकाला जा रहा है। बिल्डर और प्लाट के मालिक से पूछा जाएगा कि आवासीय भूमि पर कमर्शियल काम्प्लेक्स किसके आदेश से बनाया जा रहा है। बिल्डर के खिलाफ कठोर कार्रवाई भी की जाएगी।
टीएनसी और पंजीयन विभाग को पत्र
भवन शाखा प्रमुख अरूण शर्मा ने बताया कि दूसरी नोटिस तैयार है। जारी करने से पहले जिला पंजीयन रजिस्ट्रार और टीएनसी को भी पत्र लिखा गया है। पंजीयक सुशील खलखो को पत्र लिखकर 540/1 खसरे की वर्तमान स्थिति की जानकारी मांगी गयी है। पंजीयक से जवाब मिलने के बाद स्प्ष्ट हो जाएगा कि बिल्डर ने आवासीय भूमि को किस मोड में रजिस्ट्री कराया है। यदि आवासीय भूमि के अनुसार रजिस्ट्री होगी तो निगम जिला पंजीयक को वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी देगा। पंजीयन विभाग भी उचित कार्रवाई करेगा। टीएनसी भी वस्तुस्थिति के अनुसार कदम उठाएगा।
बिल्डर ने दिया पंजीयन विभाग को धोखा
जिला पंजीयक सुशीळ खलखों ने बताया कि दिव्यानंद पटेल की खसरा नम्बर 540/1 प्लाट आवासीय है। आवास के 26 टुकड़े किए गये हैं। दस्तावेज के अनुसार सभी प्लाट रिहायसी हैं। प्लाट में यदि दुकान है तो बिल्डर को टैक्स चोरी का आरोपी माना जाएगा। उसे नोटिस भेजने के अलावा..अलग से कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। खलखों ने बताया कि आवासीय,गोदाम,दुकान, कार्यालय, शो रूम की रजसिट्री चार्ज अलग अलग होता हैं। शो रूम, दुकान,कार्यालय और गोदाम रजिस्ट्री चार्ज आवासीय से बहुत ज्यादा होता है। मौके पर आवासीय निर्माण के अलावा दूसरा कुछ पाया गया तो राजस्व की वसूली की होगी।
निगम में सभी लोग का मुंह बड़ा–
बिल्डर की मानें तो सभी को मालूम है कि नंदू गैरेज के पीछे घर नहीं बल्कि दुकान बनाया जा रहा है। लोग यदि अंजान हैं तो इसके पीछे भी कोई कारण ही हैं। कोई भी अधिकारी निर्माण के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकता है। यदि करेगा तो नुकसान सबका होगा।
नियमितिकरण का खेल
जानकारी के बिल्डर ने टीएनसी में नियमितिकरण का आवेदन दिया है। साथ ही निर्माण कार्य को भी तेज कर दिया है। निगम के एक अधिकारी ने बताया कि नियमितिकरण की तारीख करीब एक साल पहले ही निकल चुकी है। 31 जुलाई 2016 तक शासन ने अवैध निर्माण को शर्तों के साथ नियमित करने का निर्देश दिया था। चूंकि नंदू गैरेज के पीछे दिव्यानंद के आवासीय प्लाट में कमर्शियल निर्माण का मामला बहुत बाद का है। इसलिए नियमित होने का सवाल ही नहीं उठता है।
जारी है…नंदू गैरेज के पीछे अवैध निर्माण की खबर