बिलासपुर– मिट्टी तेल हाकर गली में तोड़फोड़ के दौरान जालसाजी का भी मामला सामने आया है। एक बहन ने अपने दूसरी बहन का ही हक मार दिया। लेकिन फायदा ना तो दगा देने वाली बहन को हुआ और जिसने धोखा खाया उसे फायदा होने का सवाल ही नहीं उठता है।
मिट्टी तेल हाकर गली में लगातार तीसरे दिन भी विस्थापन का काम हुआ। हल्के फुल्के तनाव के बीच लोग खुशी खुशी घर तोड़वाकर नए घर को जा रहे हैं। लेकिन भीड़ में एक ऐसी बूढी महिला दिखाई दी…जिसके आंख आंसू धोखेबाजी के कारण निकल रहे थे। महिला ने बताया कि गैरों से क्या उम्मीद करें जब सगी बहन ने ही धोखा दिया हो।
पुष्पा नागवानी ने बताया कि मिट्टी तेल हाकर गली में निगम कार्रवाई के पहले मेरा भी घर हुआ करता था। निगम की विस्थापित सूची में उसका भी नाम था। लेकिन घर टूटते ही निगम की सूची से उसका नाम गायब हो गया। निगम अधिकारियों ने घर तोड़ने के बाद बताया कि उसका नाम सूची में नहीं है इसलिए नया घर नहीं दिया जाएगा।
पूर्व पार्षद परमानन्द गिडवानी और महिला पुष्पा नागवानी ने बताया कि दोनों बहने एक साथ हाकर गली में मिलकर रहते थे। दूसरी बहन का नाम ममता शर्मा है। उसका एक बेटा भी है। विस्थापितों की सूची जब तैयार हुई तो ममता के साथ पुष्पा का भी नाम दर्ज था। लेकिन मकान टूटने के बाद पुष्पा का नाम गायब हो गया।
परमानन्द ने बताया कि पुष्पा की बहन ममता शर्मा ने चालाकी कर अपनी बहन का नाम सूची से हटवा दिया। जानकारी के अनुसार सर्वे सूची में पुष्पा की जगह अपने बेटे का नाम शामिल करने का आवेदन दिया। निगम प्रशासन ने आवेदन पर विचार करने का आश्वासन दिया। नतीजा यह हुआ कि निगम ने पुष्पा का नाम तो काट दिया लेकिन ममता शर्मा के बेटे के नाम को भी शामिल नहीं किया।
परमानन्द ने बताया कि पुष्पा नागवानी की बहुत उम्र हो चुकी है। तोड़फोड़ के बाद उसके पास घर नहीं है। अब वह कहां जाए…बहुत बड़ी समस्या है।
पुष्पा नागवानी के अनुसार ममता ने उसे धोखा दिया है। अपने बेटे का नाम जुड़वाने के लिए मेरा नाम कटवा दिया। यदि उसे घर चाहिए ही था मुझे बतायी होती। निगम से जो घर मिलता उसे बेटे के नाम कर देती। बहरहाल पुष्पा ने निगम प्रशासन से गुहार लगाने की बात कही है।