एक घंटे में फैसला बदलने वाले पूर्व एसडीएम को सात साल की सजा

Chief Editor
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IMG-20170606-WA0002बिलासपुर।बिलासपुर में एसडीएम रहे संतोष देवांगन को सात साल की सजा सुनाई गई है और उन पर डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना लगया गया है। मंगलवार को बिलासपुर के ,षष्टम अपर जिला न्यायालय ने यह सजा सुनाई। संतोष देवांगन पर बिलासपुर मे एसडीएम रहते जमीन के एक  मामले में एक घंटे के अंदर फैसला बदलने का आरोप है। जिससे शासन को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा था। इस मामले में सह अभियुक्त चितपाल सिंह को दोषमुक्त करार दिया गया है।

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इस  मामले में सीजीवाल को मिली जानकारी के मुताबिक लिंगियाडीह के कमलेश शुक्ला पिता सीताराम ने 2009 में 7 दिसंबर को ईओडब्लू/ एसीबी को लिखित शिकायत की थी । जिसमें कहा गया था कि राजकिशोरनगर निवासी सरदारी लाल कश्यप की ओर से शिवदयाल कश्यप और अन्य 8 लोगों के खिलाफ जिला कलेक्टर को आवेदन दिया गया था। जिसमें कालोनी निर्माण से आने-जाने के रास्ते पर अवरोध, शासकीय जमीन पर सड़क निर्माण और अन्य अनियमितताओँ की शिकायत की गई थी। इस पर उस समय के बिलासपुर एसडीएम संजय अग्रवाल  ने राजस्व न्यायालय में राजस्व प्रकरण ( 121 / 2007-2008) दर्ज किया था। संजय अग्रवाल के तबादले के बाद संतोष देवांगन बिलासपुर के एसडीएम बने । 18 दिसंबर 2009 को संतोष देवांगन ने अपने अंतिम आदेश में प्राइवेट कॉलोनाइजर चितपाल सिंह वालिया के खिलाफ डेढ़ लाख जुर्माना लगा दिया। लेकिन इस बीच चितपाल सिंह वालिया और संतोष देवांगन के बीच सांठगांठ में 15 से 20 लाख को सौदा हुआ । और संतोष देवांगन ने एक घंटे के भीतर डेढ़ लाख का जु्र्माना हटा दिया और आदेश बदलकर शासन को नुकसान पहुंचाया। साथ ही जिस जमीन को लेकर शिकायत की गई थी , उसे कॉलोनी में शामिल कर दिया।IMG-20170606-WA0000

                                संतोष देवांगन के दोनो आदेश की कॉपी एसीबी में पेश की गई थी। इस आधार पर एसीबी ने धारा 13(1) (डी)(2) 13(2)और आईपीसी की धारा 467,468, व 471,धारा 130 के तहत मामला दर्ज कर लिया। मामले में संतोष देवांगन को 6 दिसंबर 2014 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। बीस दिन जेल में रहने के दौरान शासन ने संतोष देवांगन को सस्पेंड कर दिया था। मामले में सह-अभियुक्त बनाए गए चिततपाल सिंह वालिया ने अग्रिम जमानत ले ली थी। केस का चालान बिलासपुर कोर्ट में पेश किया गया था। जिस पर सुनवाई चलती रही। मंगलवार को  ,षष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकड शर्मा ने संतोष देवागन को सात साल की सजा सुनाई। साथ ही डेढ़ लाख का जुर्माना लगाया है।सह – अभियुक्त चितपाल सिंह वालिया को बरी कर दिया गया है।

 

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