बिलासपुर—बिलासपुर-कोटा सड़क चौड़ीकरण का काम शुरू हो गया है। पेड़ों को बचाने भारी विरोध के बीच सड़क किनारे मुरूम बिछाया जा रहा है। चौड़ाई कम होने से सड़क किनारे पुराने हजारों पेड़ों को कटने से बचा लिया गया है। लोक निर्माण विभाग ने पहले सड़क निर्माण के दौरान करीब पांच हजार से अधिक पेड़ों को काटने का फैसला किया था। लेकिन नई रणनीति के तहत कोटा के मार्ग के कमोबेश सभी बड़े पे़ड़ों को बचा लिया गया है।
बिलासपुर-कोटा मार्ग में चौड़ीकरण का काम शुरू हो गया है। सड़क की चौड़ाई कम होने से दोनो तरफ लगे पुराने हजारों पेड़ों को बचा लिया गया है। सड़क निर्माण विभाग ने पेड़ों को बचाते हुए मार्किंग के बाद सड़क के दोनो तरफ मुरूम डालना शुरू कर दिया है। मालूम हो कि पुराने सर्वे के अनुसार सड़क चौड़ीकरण की प्रक्रिया में पांच हजार से अधिक पेड़ों को काटा जाना था। लेकिन प्रकृतिप्रेमियों की लगातार शांतिपूर्ण विरोध के चलते प्रशासन को झुकना पड़ा। सड़क की चौड़ाई कम करते हुए दोनों तरफ साढे सात की जगह सात मीटर कर दिया। ऐसा करने से 90 प्रतिशत पेड़ों को नयी जिन्दगी मिल गयी। बावजूद इसके अभी भी सैकड़ों पेड़ों को काटा जाएगा। क्योंकि कुछ पेड़ सात मीटर के दायरे में आ रहे हैं।
जानकारी के अनसुार पुराने सर्वे के अनुसार सड़क को दोनों तरफ करीब साढ़े सात मीटर चौड़ा किया जाना था। इसके चलते करीब पांच हजार से अधिक पेड़ों को काटा जाना था। सर्व नागरिक मंच ने पेड़ों के कटने का विरोध किया था। सकरी से लेकर कोटा तक मानव श्रृंखला बनाकर पेड़ को बचाने की अपील की थी। पेड़ों को बचाने के लिए लोगों ने मुंगेली नाका चौक में भी धरना प्रदर्शन किया था।
सर्वमंच ने पेड़ों को बचाने के लिए संजय तरण पुष्कर से नेहरू चौक तक मानव श्रृंखला बनाकर प्रशासन का ध्यान अपनी तरफ खींचा था। इसमें आम नागरिकों के अलावा व्यवसायियों ने भी हिस्सा लिया था।
सड़क निर्माण विभाग के मुख्य अभिंयता भतपहरी ने बताया कि कोटा बिलासपुर मार्ग चौड़ीकरण का काम एडीबी कर रही है। प्लान में किसी प्रकार का बदलाव हुआ है तो इसकी फिलहाल उनके पास नहीं है।