नईदिल्ली।जीएसटी परिषद ने नई व्यवस्था लागू होने के बाद कारोबारियों को रिटर्न फाइल करने के नियमों में पहले दो महीने तक छूट दे दी है। केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने नई दिल्ली में परिषद की बैठक के बाद कहा कि तैयारी के दौरान हुई किसी भी प्रकार की कमी को दूर करने के लिए दो महीने की मोहलत दी गई है और सितम्बर से नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा।आमतौर पर जुलाई का रिटर्न 10 अगस्त तक भरना होता है और आज से अभी भी 42 दिन हैं रिटर्न भरने के लिए। तैयारी के दौरान हुई किसी भी प्रकार की कमी को दूर करने के लिए दो महीने की मोहलत दी गई है और सितम्बर से नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
परिषद ने जो संशोधित रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा तय की है उसके अनुसार जुलाई का बिक्री रिटर्न दस अगस्त की बजाय पांच सितम्बर तक दाखिल किया जा सकेगा। कम्पनियां अगस्त महीने की बिक्री इनवाइस 10 सितम्बर की बजाय 20 सितम्बर तक जमा कर सकेगी।उद्योग जगत कर क्रियान्वयन को टालने की मांग कर रहा था।वातानुकूलित होटलों के बारे में श्री जेटली ने कहा कि साढे सात हजार रूपये प्रति दिन से ज्यादा किराये वाले होटल के कमरों पर 28 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। ढाई हजार से साढे सात हजार रूपये तक के किराये वाले कमरों पर कर की दर 18 फीसद होगी।
होटलों के लिए 28 प्रतिशत कर साढ़े सात हजार के बाद शुरू होता है यानी कि ढ़ाई हजार से साढ़े सात हजार तक कर 18 प्रतिशत होगा। इसी प्रकार इन होटलों के रेस्तरांओं में जीएसटी कर की दर बाकी दूसरे वातानुकूलित रेस्तरांओं की तरह 18 प्रतिशत ही रहेगी।वित्तमंत्री ने कहा कि वस्तु और सेवाकर-जीएसटी परिषद ने राज्यों की लॉटरी पर 12 प्रतिशत और सरकार द्वारा अधिकृत निजी लॉटरी पर 28 प्रतिशत की कर दर निर्धारित की है।
उन्होंने कहा कि सरकारी तौर पर जीएसटी 30 जून और पहली जुलाई की आधी रात से लगा दी जाएगी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि तीस जून को जीएसटी शुरू करने के मौके पर परिषद की एक बार फिर बैठक होगी। जेटली ने यह भी कहा कि ई-वे बिल तैयार करने में जीएसटी नेटवर्क को चार से पांच महीने लगेंगे। उन्होंने कहा कि बैठक में यह तय हुआ है कि मतभेद होने के कारण ई-वे बिल पर आगे भी चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि मालवाहक जहाज भाडे पर पांच फीसद एकीकृत जीएसटी लगाने का मुद्दा भी अभी लंबित है।
आज जीएसटी परिषद ने वस्तु और सेवाकर के लागू किए जाने के लिए की जा रही तैयारियों का जायजा लिया। परिषद में आज छह नियमों को भी मंजूरी दी जिसमें मुनाफाखोरी विरोधी नियम भी शामिल हैं। अब तक 12 सौ से अधिक वस्तुओं और 500 सेवाओं की दर तय की जा चुकी है। पिछली बैठक में 66 वस्तुओं पर दरें कम की गईं थीं। जीएसटी के लिए 65 लाख से अधिक व्यवसाय प्रतिष्ठान पंजीकृत करा चुके हैं। देश के अप्रत्यक्ष कर ढांचे में किए जा रहे इस सुधार संबंधी अपने कानूनों को 24 राज्य पास कर चुके हैं।