बिलासपुर(सीजीवाल)।शहर की साफ-सफाई सही ढ़ंग से हो पा रही है या नहीं , यह तो जाहिर है। लेकिन अब यह बात सामने आ रही है कि जिस कम्पनी को शहर की सफाई की जिम्मेदारी दी गई है, वहां पर सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। तभी तो बड़ी संख्या में कलेक्टोरेट पहुंचकर सफाई कर्मियों ने घेराव किया और वेतन- भत्ते सहित अन्य सुविधाओँ को लेकर कम्पनी के रवैये की शिकायत की।जिला कलेक्टर के नाम अपनी अर्जी में सफाई कामगारों ने लिखा है कि एन.एस.डब्लू. सालुसन लिमिटेड कम्पनी ने करीब 150 कर्मचारियों की भर्ती की है। ये कर्मी सीधी भर्ती के तहत लिए गए है और स्वच्छ भारत अभियान के तहत चालक / हेल्पर का काम कर रहे हैं।सीजीवाल
कम्पनी ने भर्ती के समय कामगारों को भरोसा दिलाया था कि उन्हे कलेक्टर रेट पर वेतन दिया जाएगा। साथ ही मेडिकल और पीएफ के तहत सारी सुविधाएं दी जाएंगी। हेल्परों को मास्क-मुखौटा- दस्ताना देने का भरोसा भी कम्पनी ने दिलाया था। लेकिन अब तक कुछ भी नहीं दिया गया है। जिससे कामगार भयंकर बीमारी के खतरे से जूझ रहे हैं।सीजीवाल
ज्ञापन में कहा गया है कि हर महीने काम के बाद 10 तारीख तक वेतन का भुगतान करने का करार हुआ था । लेकिन समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है। भर्ती के समय कम्पनी का कहना था कि कामगारों से आठ घंटे काम लिया जाएगा। लेकिन उससे अधिक काम लिया जाता है। इसी तरह महीने में 26 दिन काम लेने की बात थी तो उसकी जगह 30 दिन काम लिया जा रहा है।सीजीवाल
सफाई कामगारों का कहना है कि उन्हे किसी तरह की सुविधा नहीं है । यहां तक कि काम के दौरान वाहन में खराबी आ गई तो उसे भी ठीक करने की जिम्मेदारी कामगारों पर मढ़ दी जाती है। हद तो यह है कि हाल ही में काम के दौरान एक कामगार के पैर में चोट लगी तो इलाज की सुविधा भी कम्पनी की ओर से मुहैया नहीं कराई गई।सफाई कागारों ने जिला कलेक्टर से कलेक्टर रेट पर वेतन और अन्य सुविधाएं मुहैया कराने की गुहार लगाई है।सीजीवाल