बिलासपुर—एक दिन की नाराजगी और मान मनौव्वल के बाद सफाई कर्मचारी काम पर लौट आए हैं। 24 घंटे पहले वेतन भुगतान को लेकर हड़ताल पर गए सफाई कर्मचारियों ने कंपनी से आश्वासन के बाद डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन शुरू कर दिया है। करीब 150 से अधिक कर्मचारियों ने शहर के सभी वार्डों का कचरा उठाया है।
मालूम हो कि निगम ने शहर की सफाई व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाने हैदराबाद की एमएसडब्ल्यू कंपनी को सालभर का ठेका दिया है। कम्पनी ने डोर डू डोर कचरा कलेक्शन के लिए 150-200 मजदूरों को नियुक्त किया है। एक दिन पहले सभी सफाई कर्मचारियों ने कंपनी कर्मचारियों पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए काम बंद कर दिया। कर्मचारियों ने बताया कि तीन महीने से कलेक्टर दर पर वेतन का बराबर भुगतान नहीं किया गया है।
कर्मचारियों ने बताया था कि कंपनी के लोग कलेक्टर दर पर वेतन नहीं दे रहे हैं। भर्ती के तीन महीने बाद भी सफाई अभियान के दौरान उपयोग में आने वाली सामाग्रियों का भी वितरण नहीं किया है। काम के दौरान चोट लगने पर कर्मचारियों को अपने खर्च पर इलाज कराना पड़ता है। ना तो आई कार्ड दिया गया है और ना ही नौकरी का पत्र…। कम्पनी कर्मचारी बात बात पर काम से निकालने की धमकी देते हैं। हम लोगों ने मांग पूरी नहीं होने तक गाडि़यों को डिपो में खड़ा कर दिया है।
कचरे का अम्बार और हड़ताल
कर्मचारियों के एक दिन हड़ताल पर जाने से शहर के चालिस वार्डों में हजारों टन कचरे का उठाव नही हुआ। पहले दिन बात असफल होने पर कंपनी अधिकारी नागार्जुन ने कर्मचारियों की मांग के आगे झुकते हुए कलेक्टर दर पर वेतन भुगतान करने का आश्वासन दिया। नागार्जुन ने सभी सफाई कर्मचारियों को दास्ताना,लांग बूट और मास्क देने की बात कही । आश्वासन के बाद सभी सफाई कर्मचारियों ने 20 जून की सुबह डोर-टू-डोर कचरा कलेक्ट किया।