कोनी थाना प्रभारी की शिकायत…आईपीएस शलभ करेंगे आरोपों की जांच

BHASKAR MISHRA
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IMG-20170620-WA0014बिलासपुर—-कोनी टीआई से नाराज ग्रामीणों ने थाना प्रभारी को हटाने की मांग की है। पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत कर ग्रामीणों ने बताया कि थाना प्रभारी अवैध वसूली करते हैं। बात बात पर झूंठे प्रकरण में फ़ंसाने की धमकी देते हैं। 18 जून को एक विवाद में दो लोगों के साथ अन्य चार लोगों को लाकअप में बंद कर दिया। सात घंटे बाद बेगुनाहों को छोड़ा गया। शिकायत सुनने के बाद पुलिस कप्तान ने जांच का आदेश दिया है।

             
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                              अच्छी खासी संख्या में कोनी के लोग थाना प्रभारी की शिकायत लेकर पुलिस कप्तान के दरवाजे पर पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि कोनी थाना प्रभारी से लोग परेशान हैं। झूठे मामले में जेल भेजने की धमकी देते हैं। ग्रामीणों ने लिखित में बताया कि एक मामूली विवाद में थानेदार शुक्ला ने राहुल और अंकित को मोबाइल चोरी के आरोप में लाकअप में डाल दिया। दरअसल साँई मंदिर के पास अंकित और राहुल यादव की परमिन्दर से झडप हो गयी थी। इसी दौरान परमिन्दर की मोबाइल कहीं गिर गयी। परमिन्दर की शिकायत पर कोनी पुलिस ने दो नाबालिगों को आरोपी बनाया।  इसके आलावा चार अन्य लोगों को भी चोरी का आरोपी बताकर लाकअप में डाल दिया। जबकि झड़प के समय चारो मौके पर थे ही नहीं ।

                                                शाम को थानेदार ने सभी के परिजनों से पांच पांच हजार रूपए की मांग की। आरोपियों ने मना कर दिया तो थानेदार गाली गलोच करने लगे। रात्रि करीब एक बजे ,टीआई,शुक्ला ने जीतू यादव से कहा कि लाकअप में बंद सभी के परिजनों से दो-दो हजार इकठ्ठा कर थाना सिपाही धनंजय गोस्वामी के पास जमा करो। नहीं तो सबको जेल भेज दूंगा। इस बात की जानकारी लगते ही नाराज ग्रामीण थाना पहुंचे। लोगों ने थानेदार को बताया कि झ़ड़प के समय अंकित और ,राहुल के अलावा मौके पर कोई नहीं था…तो चारों को आरोपी क्यों बनाया गया। इतना सुनते ही थानेदार गाली गलौच करने लगे। दो को छोड़कर करीब दो बजे के बाद चारों को छोड़ दिया गया।

                       पुलिस कप्तान को ग्रामीणों ने बताया कि दूसरे दिन 19 जून को चोरी का अपराध दर्ज कर दो नाबालिकों को जेल भेजा गया। इस दौरान प्रार्थी परमिंदर, ज्ञानचंद और जीतू ने शपथ पत्र भी पुलिस कप्तान को दिया कि झ़ड़प के समय दो के अलावा चारो लोग नहीं थे।। लाकअप में कुछ समय रहने वाले चारों लड़को ने भी पुलिस कप्तान को शपथ पत्र देकर बताया कि टीआई शुक्ला और धनंजय गोस्वामी ने पैसे के लिए दबाव बनाया था। पुलिस अधीक्षक मयंक श्रीवास्तव ने घटना को गम्भीरता से लेते हुए मामले में जांच का आदेश दिया है।

                      ग्रामीणों की शिकायत की जांच आईपीएस शलभ सिन्हा सीएसपी सिटी कोतवाली करेंगे।  पुलिस कप्तान को ग्रामीणों ने बताया कि कुछ महीने पहले देवनगर बिरकोना निवासी सीता भरद्वाज ने टी, आई के खिलाफ जातिसूचक गाली गलौच और दुर्व्यवहार की शिकायत की थी। कोनी में व्यवसायी विनोबा नगर निवासी जीतेन्द्र टन्डे ने भी टीआई पर थाने में मारपीट का आरोप लगाया था।

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