जिन्दगी की जंग हार गया दिनेश..सीसीएफ की गाड़ी से हुआ था घायल…आनन्द बाबू ने फेरा मुंह

BHASKAR MISHRA
4 Min Read

hangamaबिलासपुर—लोरमी रोड में सीसीएफ की गाड़ी से गंभीर रूप से घायल दिनेश रजक ने ठीक एक महीने बाद सिम्स में दम तो़ड़ दिया है। दिनेश का इलाज किम्स में किया जा रहा था। रूपयों की कमी के चलते दिनेश को करीब पन्द्रह दिन पहले सिम्स में भर्ती कराया गया था। आज सुबह इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                                   मालूम हो कि अप्रैल महीने में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने बिलासपुर से सीसीएफ का काफिला लोरमी की तरफ जा रहा था। इसी बीच सड़क किनारे खड़े दो भाइयों को सीसीएफ की गाड़ी ने अपनी चपेट में ले लिया। दोनों भाइयों को गंभीर चोट पहुंची। छोटा भाई तीन चार दिन बाद ठीक हो गया। बड़ा भाई दिनेश रजक कुछ ज्यादा ही घायल था। आनन फानन में संजीवनी से बिलासपुर स्थित किम्स में भर्ती कराया। किम्स में भर्ती करने के बाद अधिकारी भूल गए। खबर मिलते ही यूथ कांग्रेस नेताओं ने सीसीएफ का घेराव किया। इसके बाद वन अमले की नींद खुली। एसीसीएफ यूनिस अली के निर्देश पर किम्स में इलाज का भुगतान कराया गया। दोनों भाई पिपरतराई कोटा के रहने वाले हैं।

कांग्रेसियों ने किया था हंगामा

                      किम्स में भर्ती किये जाने पर इलाज के भुगतान को लेकर कांग्रेसियों ने एसीसीएफ और सीसीेएफ का घेराव किया था। परिजनों ने बी.आनन्द बाबू पर लापरवाही और संवेदनहीनता का आरोप लगाया था। कांग्रेसियों के हंगामे पर वन विभाग ने कर्मचारियों को किम्स भेजकर दिनेश की तिमारदारी का आश्वासन दिया। महीनों तक दिनेश रजक को वेन्टीलेटर पर रखा गया। हंगामे के दौरान बी.आनन्द बाबू ने आश्रवान दिया था कि पीड़ित के परिजनों को सहयोग दिया जाएगा।

पन्द्रह दिन पहले सिम्स में भर्ती

                    एक्सिडेन्ट में घायल और ईलाज के दौरान सिम्स में दम  तोड़ने वाले दिनेश रजक के परिजन रामनाथ ने बताया कि किम्स ने दिनेश को सिम्स भेज दिया। रामनाथ ने बताया कि वन विभाग ने किम्स को ईलाज का रूपया देना बंद कर दिया था। किम्स प्रबंधन ने इलाज करने से इंकार कर दिया। मजबूरी में पीड़ित को सिम्स में भर्ती करना पड़ा। आज उसने दम तोड़ दिया।

पालन पोषण के लिए सहयोग की जरूरत

                 रामनाथ ने बताया कि दिनेश का परिवार बहुत कच्चा है। अपने पीछे चार बच्चों के साथ पत्नी को छोड़कर गया है। एक बच्चा मंद बुद्धि है। चल फिर नहीं सकता है। घर में दिनेश ही कमाने वाला था। आज उसका परिवार अनाथ हो गया है। दिनेश की मौत से बूढ़े मां बाप पर गाज गिर गयी है। परिवार को जीने के लिए सहायता चाहिए। लेकिन बी.आनन्द बाबू ने हर बार हमारी फरियाद सुनने से इंकार कर दिया है। हमारे पास जितना बचत में था उसी से दिनेश का इलाज कराया। पैसा खत्म हो गया तो उसे सिम्स में भर्ती किया।

 

close