प्राण चड्ढा।(एक राहत की खबर)छतीसगढ़ के हाथी प्रभावित क्षेत्र के लिए बारिश कुछ खुशियों के सौगात ले कर आई है। यहां जमे हाथियों में 15 हाथी का ये दल छतीसगढ़ की सरहद पार कर झारखण्ड वापस कूच कर गया है। चूँकि जंगल में बारिश से पानी की कमी दूर हो गई है,और हरा चारा भी काफी है इसलिए हाथी गाँव के करीब से हट कर वन प्रस्थान कर रहे हैं।ऐसा नहीं कि प्रभावित इलाके से ये शामत पूरी तरह खत्म हो गई है, क्योकि अभी छतीसगढ़ में 215 हाथी विभिन्न इलाके में मौजूद हैं। इनमें धरमजयग़ढ,कापू और छाल में 46 हाथी,करतला कुदमुरा पसर खेत में 57 महासमुंद सिरपुर में 9 सोनहद में 7 और बलौदाबाजार के क्षेत्र के जंगल में 8 की करीब हाथी मौजूद है। इनके अलावा एलिफेंन्ट रिजर्व सरगुजा के तामोर पिंगला के वन में 27 हाथी इन दिनों हैं। हाथियों का मन पसन्द ‘गलगल’ के पेड़ सरगुजा के जंगल में है, वन अधिकारी का कहना है इसके तना तक हाथी बड़े चाव से खाते हैं।
अब जंगल पतझड़ से उबर रहा है। बांस,साल के नए कोमल पत्ते जंगल में उपलब्ध हो रहे हैं, और किसानों के खेत फसल विहीन, इसलिए हाथियों का रुख घने जंगल की और है। जंगल में खेतों में खरीफ की बोनी शुरू होंने और महुए के लिए जंगल में मानव की आवाजाही रुक रही है, इसलिए हाथी और मानव के बीच इस इलाके में चल रहे युद्ध पर कुछ अंतराल के लिए विराम लगने की संभावना बन गई हैं।
(फ़ोटोऔर आंकड़े प्रोजेक्ट एलिफेंन्ट के डिप्टी डायरेक्टर सी.एस.तिवारी के सहयोग से।)