बिलासपुर—नैक टीम से दुर्व्यवहार मामले में प्रशिक्षु आईपीएस शलभ सिन्हा ने प्रारम्भिक जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सिन्हा ने बताया कि विश्वविद्यालय ने जो भी मेटेरियल दिए गए हैं सभी की जांच पड़ताल प्रारम्भिक चरण हैं। हमने डीेलएस कालेज में रिकार्ड किए वीडियो फुटेज देख लिया है। शिकायतकर्ताओं को पूछताछ के लिए पत्र जारी कर दिया गया है।
मालूम हो कि एक और दो जून को नैक टीम डीएलएस कॉलेज का मुआयना करने बिलासपुर आयी थी। टीम में दो पुरूष प्राध्यपकों के अलावा महिला प्राध्यापक भी शामिल थी। बिलासपुर में दो दिन रहकर टीम ने डीएलएस कालेज का निरीक्षण किया। टीम के रवाना होने के बाद मामला सामने आया कि डीएलएस प्रबंधन ने नैक टीम के साथ दुर्र्व्यवहार किया है। टीम के रवाना होने के बाद बिलासपुर विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार ने पत्रकारों को बताया कि टीम की महिला सदस्य ने व्यक्तिगत रूप से मामले की जानकारी फोन से कुलपति को दी। कुलपति के निर्देश के बाद टीम से मिलने गयी। महिला सदस्य ने दुर्व्यवहार किये जाने की जानकारी दी।
रजिस्ट्रार ने बताया कि नैक टीम के दो सदस्य प्रो.स्मृति सरकार और प्रो मुधमति ने दुर्र्व्यवहार की लिखित शिकायत की है।
मामले में दो दिन पहले विश्वविद्यालय प्रबंधन ने एक बैठक में निर्णय लिया कि नैक टीम सदस्यों की लिखित शिकायत, वीडियो और डीएलएस प्रबंधन के पत्र को जांच के लिए पुलिस को सौंपा जाए। पुलिस के पाले में गेंद आने के बाद मामले में जांच की जिम्मेदारी प्रशिक्षु आईपीएस शलभ सिन्हा कर रहे हैं।
शलभ सिन्हा ने बताया कि दस्तावेजों की जांच पड़ताल पुलिस कर रही है। वीडियो फुटेज देखने के बाद शिकायत करने वाली नैक टीम के सदस्यों का बयान लिया जाना है। बयान दर्ज करने के लिए शिकायतकर्ताओं को मेमो भेजा गया है।
एफआईआर दर्ज की मांग
एक दिन पहले डीएलएस महाविद्यालय प्राचार्य अशोक जोशी ने शहर के सभी थानों में विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार और कुछ अन्य लोगों पर कालेज के खिलाफ साजिश करने के आरोप में एफआईआर दर्ज किये जाने की मांग की है। अशोक जोशी ने शिकायत में बताया है कि डीएलएस महाविद्यालय के खिलाफ नैक टीम के आने से पहले और जाने के बाद तक साजिश की गयी है। प्राचार्य का आरोप है कि रजिस्ट्रार ने टीम के आने से पहले डीएलएस पर कई प्रकार के आरोप लगाए हैं। टीम सदस्यों को व्यक्तिगत ईमेल पत्र भेजा है। इसके अलावा जब नैक बिलासपुर से गयी तो पत्र पत्रिकाओं में पढ़ने को मिला कि टीम के सदस्यों से दुर्व्यवहार किया गया है। जबकि डीएलएस के पास ऐसे प्रमाण हैं जिससे जाहिर होता है कि रजिस्ट्रार ने मामले को विवादास्पद बनाने नैक टीम के सदस्यों से झूठी शिकायत करवाई हैं।
जोशी के अनुसार डीएलएस प्रबंधन ने निरीक्षण के दौरान सभी शर्तों का पालन किया है। निरीक्षण के शर्तों के अनुसार विडियो रिकार्डिंग हुई है। यह सच है कि कुछ मामलों को लेकर दोनों पक्ष एकमत नहीं थे। इसकी जानकारी रजिस्ट्रार को भी दी गयी ती। इस पर बैठकर विचार विमर्श भी होना था। मामला करीब 12 बजे तक सामान्य था। जब डीएलएस प्रबंधन चर्चा के लिए नैक टीम के सामने एक हॉटल गया में मिलने गया तो मामले को विवादास्पद बना दिया गया।
जोगी ने अपने पत्र में बताया है कि डीएलएस महाविद्याल के पास पर्याप्त प्रमाण हैं जिससे जाहिर होता है कि रजिस्ट्रार चाहती थीं कि महाविद्यालय को नैक की मान्यता नहीं मिले। इसे पुलिस जांच टीम के सामने रखा जाएगा।