रायपुर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) की बैठक आयोजित की गयी।सीएम ने डीएमएफ की राशि से राज्य के कई जिलों में हो रहे विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों में जिला खनिज संस्थान न्यास का गठन हो गया है और ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। मुख्यमंत्री ने कहा- प्रधानमंत्रीनरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा देश के सभी राज्यों में खनिज उत्पादन की एक निश्चित राशि राज्य के संबंधित खनिज उत्पादक जिलों के विकास के लिए देने का प्रावधान किया गया है। इस राशि से जिलों में स्थानीय महत्व के अनेक जरूरी विकास कार्य हो सकते हैं। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में इस दिशा में बेहतरी कार्य हो रहे हैं।केन्द्र सरकार से प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना देश में लागू की गयी है। इसके अन्तर्गत छत्तीसगढ़ जिला खनिज न्यास नियम 2015 लागू किए गए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में खनिज संस्थान न्यास की राशि इस योजना के नियमों और दिशा-निर्देशों के अनुरूप खर्च की जाए।सभी जिलांे में खनिज संस्थान न्यास जनवरी 2015 से अस्तित्व में आ गए हैं।
मुख्यमंत्री ने खनिज न्यास मद में 50 करोड़ रूपए से अधिक राजस्व प्राप्त होने वाले जिलों के विकास के लिए विशेष पंचवर्षीय कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। इसके लिए खनिज संसाधन की दृष्टि से तीन बड़े जिलों- रायगढ़, कोरबा और दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) को चिन्हित करने और वहां सड़क, बायपास मार्ग, फ्लाई ओव्हर और आवास तथा भवन आदि का निर्माण कर मजबूत अधोसंरचना विकसित करने के लिए निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस निधि से रायगढ़ शहर के चारों ओर बायपास मार्ग का निर्माण, कोरबा में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों के लिए आवास निर्माण और दंतेवाड़ा में सड़क तथा अन्य भवन निर्माण जैसे विकास कार्यो को प्राथमिकता से शामिल करने के निर्देश दिए। राज्य में जिला खनिज न्यास निधि के अंतर्गत सितम्बर 2018 तक दो हजार 500 करोड़ रूपए की राशि से खनिज धारित क्षेत्रों में विकास का लक्ष्य है।