जेल का भोजन स्तर सुधारने की हिदायत, चीफ जस्टिस ने किया आकस्मिक निरीक्षण

Chief Editor
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cj jailबिलासपुर   । छत्तीसगढ़   उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री टी.बी. राधाकृष्णन, न्यायमूर्ति श्री प्रीतिंकर दिवाकर, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शनिवार को  केन्द्रीय  जेल, बिलासपुर का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विचाराधीन एवं सजायाफ्ता बंदियों के संबंध में जेल अधिकारियों से जानकारी ली तथा बैरकों का निरीक्षण किया।

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बंदियों से मुलाकात कर उनकी स्थिति की जानकारी प्राप्त की। बंदियों को पेरोल का लाभ प्राप्त न होने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए इसका लाभ बंदियों को दिये जाने का निर्देश दिया। बंदियों के जमानत के संबंध में जानकारी ली तथा निर्देशित किया कि ऐसे बंदियों जिन्होंने पेरोल का लाभ प्राप्त नहीं किया है, उनको इसका लाभ दिलाया जाये। बंदियों की जमानत के संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देशित किया गया । बंदियों को प्रदाय किये जाने वाले भोजन का निरीक्षण किया तथा भोजन की गुणवत्ता के स्तरहीन होने पर उसे सुधारने के निर्देश दिए। मुलाकातियों के लिए अच्छी एवं सुविधाजनक सुविधा करने, पंखा लगाने, दिव्यांगों के लिए अलग से व्यवस्था करने तथा बंदियों के मनोरंजन एवं खेल बाॅलीबाल, बास्केट बाल, कैरम, शतरंज आदि की व्यवस्था किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। मेंटल पेंशेंट के संबंध में उन्होंने जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि जब भी कोई पेशेंट बंदी आता है तो इसकी जानकारी तुरंत जिला प्राधिकरण को दी जावे। एचआईव्ही पीड़ित बंदियों की पहचान जाहिर न करने का निर्देश दिया गया। जेल में स्थापित हास्पिटल, लीगल एड क्लीनिक इत्यादि का भी निरीक्षण किया गया। जेल में स्थापित लीगल एड क्लीनिक में नियुक्त पेनल अधिवक्ता एवं पीएलव्ही की भी जानकारी ली गई।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर  पी.दयानंद, एसपी  मयंक श्रीवास्तव, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव  रजनीश श्रीवास्तव, नवपदस्थ सदस्य सचिव  विवेक कुमार तिवारी, उप सचिव  अभिषेक शर्मा, अवर सचिव श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव एवं जेल प्रशासन के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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