नईदिल्ली।सामान्य सेवा केन्द्रों (सीएससी) के माध्यम से देश के गरीब और वंचित समुदायों को आधार सेवाएं उपलब्ध कराने में ग्रामीण स्तर के उद्यमियों (वीएलई) के प्रभाव और प्रगति के बारे में बताने के लिये मंगलवार को सीएससी एसपीवी ने ‘सीएससी के जरिये आधार सेवाएं- एक असाधारण पहल’ विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की।केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी तथा विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इंडिया हेबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया।प्रसाद ने जमीनी स्तर पर महत्वपूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराने में उद्यमशील ग्रामीण स्तर के उद्यमियों के प्रयासों की सराहना की।उन्होने कहा कि, ‘मुझे सीएससी वीएलई से काफी उम्मीद है।
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उन्होंने कहा, ‘आधार भ्रष्टाचार मिटाने में प्रभावी उपाय है। हमने भ्रष्टाचार समाप्त कर 50,000 करोड़ रुपये की बचत की है।‘ उन्होंने आशा व्यक्त की कि समय-समय पर वीएलई आगे आयेंगे और देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने में सरकार की मदद करेंगे।हमारे वीएलई भारत में परिवर्तन लाने वाले हैं। सीएससी ने देश के दस लाख लोगों को रोजगार दिया है। मुझे विश्वास है कि भविष्य में एक करोड़ लोग सीएससी में कार्य करेंगे।
सरकारी अभियानों के अन्तर्गत नागरिकों को जागरूक बनाने में वीएलई की क्षमता को दोहराते हुए माननीय मंत्री ने कहा, ‘मुझे यह जानकार प्रसन्नता हुई है कि नगदी रहित अभियान में वीएलई ने दो करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया। उन्होंने कहा, ‘हाल ही में केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने हथकरघा उत्पादों के विस्तार के लिए वीएलई का सहयोग मांगा था। सरकार के सभी विभाग अपनी सेवाओं के लिये वीएलई को शामिल करना चाहते हैं।
प्रसाद उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के लगभग 600 वीएलई को सम्बोधित कर रहे थे। इंडिया हेबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित कार्यशाला में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, यूआईडीएआई, उर्वरक विभाग तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।