केंद्र से मिली मंजूरी:कोरबा-बस्तर में खुलेंगे प्लास्टिक इंजीनियरिंग संस्थान

Shri Mi
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skill_olympiad_index♦सीएम बोले-छत्तीसगढ़ की युवा पीढ़ी को आगे बढने से अब कोई नहीं रोक सकता
रायपुर।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राजधानी रायपुर में लगभग डेढ़ साल पहले शुरू किया गया केन्द्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थान सफलता पूर्वक चल रहा है। अब प्रदेश का दूसरा केन्द्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग  एवं तकनीकी संस्थान (सिपेट) औद्योगिक शहर कोरबा में जल्द शुरू किया जाएगा।सीएम ने रविवार को रायपुर के इंडोर स्टेडियम में विश्व युवा कौशल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को सम्बोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरबा के बाद बस्तर संभाग में भी इस केन्द्रीय संस्थान की स्थापना की जाएगी। केन्द्र सरकार ने  कोरबा और बस्तर में इस संस्थान की स्थापना के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है।सीएम नेसमारोह में इसकी घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी के प्रति आभार प्रकट किया।सीएम ने समारोह में यह भी बताया कि प्रदेश चौथा सीपेट राजनांदगांव में प्रस्तावित है। इसके लिए भी तैयारी चल रही है।बता दें किरायपुर में यह संस्थान पिछले वर्ष 22 अप्रैल को शुरू किया गया था। संस्थान में युवाओं को प्लास्टिक आधारित विभिन्न उपयोगी वस्तुओं के निर्माण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
                                                       मुख्यमंत्री ने आज विश्व कौशल दिवस समारोह को मुख्य अतिथि की आंसदी से सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने युवाओं को कौशन उन्नयन का प्रशिक्षण पाने का कानूनी अधिकार दिया है। राज्य के तीन लाख 62 हजार से ज्यादा युवाओं ने केन्द्र तथा राज्य की योजनाओं के तहत विभिन्न पाठ्यक्रमों में कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है। इनमें से एक लाख से ज्यादा युवा अब तक रोजगार और स्वरोजगार से जुड़ चुके हैं।
                                                           मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनता की जरूरतों से जुड़े विभिन्न कार्यों और व्यवसायों में कौशल प्रशिक्षित युवाओं के लिए रोजगार की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्हें कौशल प्रशिक्षण देने के लिए राज्य में 2640 संस्थाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाता (वीटीपी) के रूप में पंजीकृत किया गया है। युवाओं को हुनरमंद बनाने राज्य में 109 सेक्टरों के अंतर्गत 867 अल्प अवधि के पाठ्यक्रम उपलब्ध है। इनमें न्यूनतम 50 घंटे से लेकर अधिकतम 1800 घंटे तक प्रशिक्षण की सुविधा है। मुख्यमंत्री ने कहा – परपरांगत व्यवसाय करने वाले युवाओं को भी तीन माह से चार माह का प्रशिक्षण दिया जा  रहा है। इससे उनके काम की गुणवत्ता बढ़ रही है और उनकी आमदनी में भी वृद्धि हो रही है।
                                                        मुख्यमंत्री ने समारोह में बताया कि  हाल के जिला मुख्यालय जशपुर के भ्रमण के दौरान उन्होंने कौशल उन्नयन का  प्रशिक्षण प्राप्त और दिल्ली, बेंगलूरू, चेन्नई, और गुडगांव सहित 6 राज्यों में काम कर रहे युवाओं और इन युवाओं को काम देने वाली संस्थाओं के प्रबंधन से उन्होंने वीडियो क्रान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की। प्रबंधन के लोगों ने बताया कि छत्तीसगढ़ से आने वाले बच्चे अपनी लगन और मेहनत से अच्छाकाम कर रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में सफलता के लिए शिक्षा के साथ-साथ हुनर का होना भी आवश्यक है।
                                                    प्रदेश में इंजीयरिंग कालेज की संख्या 12 से बढ़कर 50 हो गई है। पॉलिटेक्नीक की संख्या 10 से बढ़कर 51 ,और आईटीआई की संख्या 61 से बढ़कर 176 हो गई है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज आईआईएम, आईआईटी , एनआईटी,हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्व विद्यालय, एम्स और ट्रिआईटी सहित उच्च शिक्षा के सभी संस्थान मौजूद है। छत्तीसगढ़ में हर वर्ष 20 हजार से ज्यादा युवा तकनीकी संस्थानों में प्रवेश लेते है।
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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