साय का बयान-जोगी जाति मामले में कलेक्टर की भूमिका संदिग्ध..क्यों नहीं कराया एफआईआर

BHASKAR MISHRA
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SAIबिलासपुर—पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ अपराध दर्ज करने के लिए दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अनुसूचित जाति जनजाति आयोग अध्यक्ष नंदकुमार साय ने राज्य शासन के कार्मिक विभाग को नोटिस भेजकर कलेक्टर पर जाति मामले में कार्रवाई का दबाव बनाने कहा है। यह बातें नन्दकुमार साय ने छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। साय ने कहा कि जोगी के खिलाफ एफआईआर नहीं करने वाले बिलासपुर कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
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                                            पत्रकारों से बातचीत के दौरान साय ने बताया कि जोगी के जाति मामले में अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी है। राज्य शासन के कार्मिक विभाग को नोटिस भेजा गया है। कलेक्टर को जाति मामले में कार्रवाई करने को कहा गया है। साय ने बताया कि ऐसे ही अधिकारी जनजाति के हित को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जोगी की जाति प्रमाण पत्र निरस्त नहीं किये जाने पर साय ने कहा कि कलेक्टर की भूमिका संदिग्ध है।

                                                             शिकायत और नोटिस के संबंध में आयोग अध्यक्ष नंद कुमार साय ने कहा कि संतकुमार नेताम की शिकायत आयोग को मिली है। आयोग ने छत्तीसगढ़ शासन के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव को पांच दिन के भीतर शिकायत के बिंदुओं पर जवाब देने को कहा है। आयोग ने बिलासपुर कलेक्टर पी. दयानंद के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी निर्देश दिया है। अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कलेक्टर पी. दयानंद जैसे अधिकारी जनजाति लोगों की हितों को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्हें तत्काल जोगी के खिलाफ एफआईआर कराना चाहिए।

                                                    नन्दकुमार साय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति मामले में संत कुमार नेताम ने पिछले दिनों अनुसूचित जाति जनजाति आयोग से शिकायत की है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी हाईपावर कमेटी ने अजीत जोगी को आदिवासी कंवर नहीं माना है। कमेटी की रिपोर्ट में साफ लिखा है कि जोगी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। बावजूद इसके बिलासपुर कलेक्टर पी. दयानंद ने बीस दिन से अधिक होने के बाद भी एफआईआर नहीं कराई है। संत कुमार नेताम ने राज्य शासन की मंशा पर भी सवाल खड़े किए हैं। राज्य शासन ने पहले कई साल तक जाति मामले में रिपोर्ट नहीं आने दी। अब जोगी के खिलाफ अपराध दर्ज नहीं करने दिया जा रहा है।

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