नईदिल्ली।छत्तीसगढ़ के वन मंत्री महेश गागड़ा ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित ग्लोबल टाइगर दिवस समारोह में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर भारत में बाघों के संरक्षण और वनों में उनके सुरक्षित रहने के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया। श्री गागड़ा ने कहा कि इन प्रयासों के और भी अधिक बेहतर नतीजों के लिए सभी संबंधित राज्यों को मिलकर बाघ कॉरिडोर का निर्माण करना चाहिए।समारोह की अध्यक्षता केन्द्रीय पर्यावरण और जलवायु परिर्वतन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने की। श्री गागड़ा नंे बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा करायी गयी बाघों की गणना के आधार पर वर्ष 2010 में छत्तीसगढ़ में 26 बाघ थे।
वर्ष 2014 में सख्या बढकर 46 हो गयी है। राज्य में बाघो की संख्या में वृद्धि होना शासन द्वारा बाघों की संरक्षण हेतु किये जा रहे प्रयासों का परिणाम है। उन्होने कोर एरिया से आदिवासी लोगों के विस्थापन न किए जाने का भी सुझाव दिया। समारोह में बाघों के संरक्षण विषय पर केन्द्रित एक सीडी का भी विमोचन किया गया।
गागड़ा ने समारोह में केन्द्र सरकार से छत्तीसगढ़ के अचानकमार, भोरमदेव, और कान्हा (मध्यप्रदेश) तक बाघ संरक्षण कारिडोर निर्माण के प्रस्ताव को स्वीकृति जल्द प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में स्थित इन्द्रावती टाइगर रिजर्व से महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश तक एक कारिडोर बनाया जा सकता है। इस अवसर पर विभिन्न राज्यो के वनमंत्री भी उपस्थित थे। श्री गागड़ा ने इस अवसर पर कहा कि बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए सबको मिलकर गंभीरता से प्रयास करना होगा। अन्यथा यह शानदार वन्य प्राणी सिर्फ किताबों में ही देखने को मिलेगा।