पटना।पटना हाई कोर्ट ने सोमवार को लालू यादव की पार्टी राजद के विधायक सरोज यादव की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी द्वारा नीतीश कुमार को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया था। राजद विधायक की मांग थी कि राजद के सबसे बड़े दल होने के नाते उसे पहले सरकार बनाने के लिए बुलाया जाना चाहिए था। नीतीश कुमार ने 26 जुलाई को राजद और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। अगले ही दिन उन्होंने बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई। बीजेपी नेता सुशील मोदी ने नीतीश के साथ डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली थी।
.नीतीश के इस्तीफे के बाद से ही अटकल लगाई जा रही थी कि उनके इस फैसले के बाद जदयू में टूट हो सकती है। हालांकि दो दिन बाद ही नीतीश कुमार ने विधान सभा में बहुमत साबित कर दिया। 243 सदस्यो वाली बिहार विधान सभा में नीतीश सरकार के बहुमत प्रस्ताव के समर्थन में 131 विधायकों ने वोट दिया। वहीं विपक्ष में 108 वोट पड़े। जदयू के पास 71, एनडीए के 58, राजद के 80 और कांग्रेस के 27 विधायक हैं। शनिवार (29 जुलाई) को नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया और 27 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया। जदयू के 14 विधायकों, बीजेपी के 12 और लोजपा के एक विधायक को नीतीश कैबिनेट में जगह मिली।