बिलासपुर—झीरमकाण्ड हत्याकाण्ड मामले में विशेष न्यायालय के सामने एडीजे मुकेश गुप्ता का प्रतिपरीक्षण किया गया। गुप्ता ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया। कमोबेश सभी सवाल तात्कालीन नेता प्रतिपक्ष और स्वर्गीय महेन्द्र कर्मा की सुरक्षा में चूक को लेकर किए गए।
झीरम घाटी में परिवर्तन यात्रा के दौरान नक्सलियों के निशाने पर आने से 25 से अधिक कांग्रेसी नेताओं की मौत हो गयी थी। विशेष न्यायालय में आज एडीजी मुकेश गुप्ता के बयान का प्रतिपरीक्षण किया गया। फर्स्ट हाफ में स्वर्गीय महेन्द्र की सुरक्षा को लेकर सवाल जवाब किए गए। कांग्रेस वकील ने एडीजे मुकेश गुप्ता की जेड प्लस सुरक्षा में हुई चूक को लेकर कई सवाल दागे। मुकेश गुप्ता ने बताया कि महेन्द्र कर्मा ने कब और कहां सुरक्षा की मांग की थी। इसकी जानकारी दस्तावेज देखने बाद ही दे पाउंगा।
पीसीसी अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, महेन्द्र कर्मा समेत कुछ नेताओ को जेड और जेड प्लस की सुरक्षा शासन की तरफ से मिली थी। वाबजूद इसके 25 मई को परिवर्तन यात्रा में इन नेताओ की सुरक्षा में भारी चूक हुई। सुरक्षागार्ड फालोगार्ड का काम कर रहे थे। परिवर्तन यात्रा में ना तो एम्बुलेन्स और ना ही एके 47 वाले जवान ही मौजूद थे।
प्रतिपरीक्षण के दौरान कांग्रेस वकील सुदीप श्रीवास्तव ने सवाल किया कि सुरक्षा मुहैया कराने का काम किसका है। निचले स्तर के कौन कौन अधिकारी आदेश का पालन करते हैं। यात्रा के समय पटेल और कर्मा के साथ ड्यूटी पर कौन कौन अधिकारी था। कौन किन कारणो से नही था। एडीजे मुकेश गुप्ता ने बताया कि यह काम काम एसपी का होता है। समय समय पर सुरक्षा को लेकर स्व महेन्द्र कर्मा के कार्यालय से पत्राचार किया जाता था।
मुकेश गुप्ता ने बताया कि 25 मई को महेन्द्र कर्मा परिवर्तन यात्रा में शामिल होगे..इसकी जानकारी पुलिस को नही थी। जानकारी होने पर सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक की होती है। सुरक्षा में जवान क्यों नहीं थे…चूक का कारण क्या था..इसकी सही जानकारी तात्कालीन पुलिस अधीक्षक ही दे सकते हैं।
सुदीप ने सवाल किया कि परिवर्तन यात्रा में महेन्द्र कर्मा के जाने की जानकारी पुलिस को नहीं थी…लेकिन 24 मई को भी महेन्द्र कर्मा परिवर्तन यात्रा में शामिल हुए थे…क्या इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक को थी। 24 मई को भी महेन्द्र कर्मा के काफिले में सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे। मुकेश गुप्ता ने बताया कि 24 तारीख को सुरक्षा में क्या था….क्या नही था…फिल वक्त इसकी जानकारी उन्हें नही है। जानकारी दस्तावेज देखने के बाद ही दे सकता हूं।
महेन्द्र कर्मा ने बोलेरो कार सुरक्षागत कारणों से बदलने के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा था..फिर गाड़ी क्यों नहीं बदली गयी…। मुकेश गुप्ता ने बताया कि कर्मा का पत्र स्पेशल एसपी राम निवास को भेजा था। तात्कालीन समय दी गयी गाड़ी अच्छी थी शायद इसलिए नहीं बदली गयी।