रायपुर—ढाई दिन में मानसून सत्र खत्म होने के बाद अमित जोगी अपने साथी नेताओं के साथ गर्भगृह में धरना में बैठ गए हैं। अमित जोगी ने कहा है कि मंत्रियों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने विधान सभा का सत्र अचानक खत्म करने का निर्णय लिया। निर्णय से लोकतंत्र की हत्या हुई है। अमित जोगी ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सियाराम कौशिक, राजेंद्र राय के साथ 11 अगस्त तक गर्भगृह में बैठकर विरोध करने का निर्णय लिया है।
जोगी ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि केवल अनुपूरक बजट पारित करवाने के लिए विधानसभा सत्र बुलाया गया था? बिना चर्चा के, मात्र चार मिनट में, अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया। कल से राजकोष से पैसा निकालना शुरू हो जाएगा।
जोगी ने बताया कि पनामा लीक्स के कारण पाकिस्तान के प्रधान मंत्री को हटाया जा सकता है। लेकिन छत्तीसगढ़ के विधायक….प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्रियों से जनता की तरफ़ से प्रश्न नहीं पूछ सकते? मुख्यमंत्री जवाब देने से बच रहे हैं।
जोगी ने बताया कि मामले में कार्यवाही रोक कर चर्चा करवाने स्थगन प्रस्ताव सत्र के प्रारम्भ में पेश किया था। जानकारी मुख्यमंत्री को भी लिखित में दी थी। लेकिन जवाब देने के बजाय मुख्यमंत्री ने अचानक सत्र समाप्त करने का फ़ैसला ले लिया। सीएम के फैसले से लोक तंत्र की हत्या हुई है।
गर्भगृह में धरना
जोगी ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर बताया है कि हम तीन लोग विधान सभा गर्भगृह में धरना कर रहे हैं। सभा में आने-जाने के सारे दरवाज़े बंद कर दिए गए हैं। बाहर मार्शलों को तैनात कर दिया गया है। कोई दूसरे विधायक को यहाँ घुसने की अनुमति नहीं दी जा रही है। हमको विधान सभा के गर्भ गृह में धरने पर बैठे लगभग सात घंटे हो गए हैं। संसदीय कार्य मंत्री को हमने “पनामा ख़ुलासे” पर विशेष सत्र बुलाने की एक सूत्री माँग से अवगत करा दिया है; उनके जवाब का इन्तज़ार है।