बिलासपुर— पूर्व कांग्रेस नेता,छत्तीसगढ जनता पार्टी कार्यकर्ता और बिल्हा एमएलए के करीबी रह चुके दीपक राजपूत ने सियाराम पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। दीपक ने बताया कि सियाराम ने जीते जी राजेन्द्र तिवारी को कभी चैन से रहने नहीं दिया। मरने के बाद अब घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। मुझे मालूम है कि विधायक यू टर्न लेने में कितना माहिर हैं।
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दीपक के अनुसार मैने सियाराम के साथ दिन रात काम किया। कल भी इज्जत करता था और आज भी सम्मान करता हूं। पिछले दिनों ने उन्होने बयान दिया है कि राजेन्द्र तिवारी आत्मदाह के बाद आंदोलन में कांग्रेस नेता का साथ नहीं मिला। सच्चाई तो यह है कि सियाराम राजेन्द्र तिवारी की मौत के बाद उन्होने ब्राम्हण वोटरों को रिझाने के लिए आंदोलन किया। सच्चाई तो यह है कि उन्हें राजेन्द्र तिवारी से नाममात्र की भी हमदर्दी नहीं थी। जब तक राजेन्द्र जिन्दा था…विधायक के करीबियों ने खूब परेशान किया। यदि वह चाहते तो राजेन्द्र तिवारी 107-16 की कार्रवाई से बच सकता था।
राजेंद्र तिवारी के बाद सरगांव में पुलिसिया आतंक से परेशान दिलीप साहू ने भी आत्मदाह किया। बिल्हा विधायक के अनुसार दीलिप को न्याया दिलाने आंदोलन किया। जबकि यह सरासर झूठ है। विधायक के करीबियों ने शराब माफिया से साठगांठ कर दिलीप साहू की लाश पर राजनीती की है। दिलीप के लिए सियाराम एक दिन भी आंदोलन नहीं किया। अखबारों में विधायक गलत बयानबाजी कर रहे हैं। दरअसल दीलिप की मौत के बाद आंदोलन हुआ ही नहीं। बावजूद इसके विधायक बयान दे रहे हैं कि आंदोलन किया। इसकी मुख्य साहू समाज के वोट वैंक को हासिल करना है।
दीपक राजपूत ने बताया कि मैने एमएलए को बिलासपुर और मुंगेली जिले के थानों में दर्ज अपराधियों की लम्बी लिस्ट दी थी। उन्होने कहा था कि मामले को विधानसभा में उठाउंगा। जब प्रश्न पूछने की बारी आयी तो उन्होंने ज्यादातर मामलों को छिपा दिया। इसमें एक मामला सरगांव नगर पंचायत विधायक प्रतिनिधि का भी था। अपने अपराधी प्रतिनिधि को बचाने के लिए उन्होनें दूसरे अपराधियों को फलने फूलने का मौका दिया है।