बिलासपुर।बिल्हा विधानसभा से कांग्रेस विधायक सियाराम कौशिक ने अपने निलंबन नोटिस का जवाब भेज दिया है। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल से अपील की है कि अगर वो 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के दिन आदिवासियों की हड़पी जमीन उन्हें सम्मानपूर्वक वापस कर दें तो वो भूपेश बघेल के साथ अपनी अंतिम सांस तक काम करने को तैयार हैं।
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कौशिक ने अपने ऊपर विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस पार्टी की छवि धूमिल करने के आरोप का जवाब देते हुए लिखा है कि विधानसभा के अंदर प्रश्नकाल में जनता के प्रशन पूछना,पनामा और अगस्ता भ्रष्टाचार मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव लाना, किसानों के मुद्दे पर सत्ता पक्ष को घेरना,कैसे कांग्रेस पार्टी की छवि धूमिल करने के दायरे में आता है ?उल्टा, कांग्रेस पार्टी की छवि तो धूमिल, प्रदेश अध्यक्ष के कृत्यों से हो रही है, जिन पर अपने विधानसभा क्षेत्र पाटन के ग्राम कुरूदडीह के आदिवासियों की जमीन हड़पने के गंभीर आरोप हैं।
कांग्रेस पार्टी की छवि तो धूमिल, प्रदेश अध्यक्ष एवं उनके परिजनों के द्वारा सीलिंग से बचने अपने पिता का नाम बदलकर 91 एकड़ जमीन पर बेजा कब्ज़ा करने से हुई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के इन कारनामों की चर्चा तो आये दिन समाचार पत्रों और जनता के बीच सार्वजनिक तौर पर हो रही है ।
क्या इससे कांग्रेस पार्टी की छवि धूमिल नहीं हुई है ? पार्टी की छवि तो धूमिल तब हुई है, जब लोकलेखा समिति के अध्यक्ष रहते हुए नेताप्रतिपक्ष ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में मुख्यमंत्री को क्लीन चिट दी जिसका उल्लेख भारत सरकार के द्वारा जारी रिपोर्ट में है।
कौशिक ने पार्टी के द्वारा जारी व्हिप पर कहा कि उन्होंने सदन की कार्यवाही में उपस्थित होकर एवं राष्ट्रपति चुनाव के मतदान के दौरान भी, सदैव पार्टी के व्हिप का पालन किया है । कौशिक ने समय पूर्व सत्रावसान कराये जाने में प्रदेश अध्यक्ष और नेताप्रतिपक्ष की भूमिका की जांच कराये जाने की कांग्रेस हाई कमान से मांग की है। उन्होंने कहा कि अगस्ता और पनामा पर चर्चा न होने देने के लिए ही सदन के नेता ने विपक्ष के कुछ नेताओं के साथ मिलकर यह षड़यंत्र रचा है और छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता को गुमराह किया जा रहा है।