देश में 1942 जैसा माहौल…फिर जरूरत है अगस्त क्रांति की..मौन प्रदर्शन के बाद कांग्रेसियोंं ने बोला

BHASKAR MISHRA
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  बिलासपुर—कांग्रेस पार्टी के सभी विंग ने एक साथ गांधी चौक में मौन धरना प्रदर्शन किया। महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन के आह्ववान को याद किया। इसके पहले शहर कांग्रेस कमेटी ने भारत छोडो आन्दोलन के 75 वी वर्षगाँठ पर कांग्रेस कार्यालय में विशेष बैठक का आयोजन कर बापू को तैल चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर नम आंखों से याद किया। पूर्व विधायक चन्द्रप्रकाश वाजपेयी ने झंडारोहण कर तिरंंगे की सलामी ली।

                काग्रेस कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता हरीश तिवारी ने की। तिवारी ने कहा कि भारत छोडो आन्दोलन हमे देश के प्रति समर्पण, त्याग और बलिदान का बोध कराता है। कार्यक्रम संयोजक ज़फर अली ने बताया कि अंग्रेजों के पांव दूसरे विश्व युध्द के कारण कमजोर हो चुके  थे। देश व्यापी आंतरिक आन्दोलन को दबा पाना सम्भव नही था। जिसके कारण अंग्रेजों को देश छोड़ना पड़ा। झंडारोहण और संक्षिप्त बैठक के बाद सभी कांग्रेसी गाँधी चौक पहुंंचकर बापू की प्रतिमा के नीचे मौन दो घंटे सुबह 11 से 1 बजे तक मौन व्रत धारण कर प्रदर्शन किया।

देश को राष्ट्रीय आंदोलन की जरूरत

              मौन प्रदर्शन के पहले कांग्रेसियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ जैसा शांत राज्य को इन दिनों देश में  भ्रष्टाचार की राजधानी कहा जाता है। हम लोगों ने बापू के चरणों में बैठकर भाजपा सरकार के लिए सद्बुबुद्धि की प्रार्थना की है। किसान आत्महत्या कर रहे है। भ्रष्टाचार की बेल दिन दूनी रात चौगुनी फैल रही है। गरीबों की स्थिति बद बदतर हो चुकी है। अमीरों का बोलबाला है। ऐसी सूरत में प्रदेश की आम जनता कहां जाए। हम लोगों ने बापू के पदचिन्हों पर चलकर भय आंतक और भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ने का संकल्प किया है।

          वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवा मिश्रा,शेख नजरूद्दीन,चन्द्रप्रकाश वाजपेयी, शैलेन्द्र जायसवाल,जसबीर गुम्बर,जावेद मेमन,ऋषि पाण्डेय,रामशरण यादव ने कहा कि आज देश और छत्तीसगढ़ की हालात प्रतिकूल है। भाजपा सरकार अपनी जीत को जन सेवा का पर्याय मान रही है। चारो तरफ अराजकता का माहौल है। सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, शैक्षिणक सभी क्षेत्रों में अजीब सा वातावरण निर्मित हो चुका है। सभी वर्ग सरकार की अलोकप्रिय नीतियो से परेशान हैं। भ्रष्टाचार, कमिशनखोरी सुरसा की तरह मुंह फैला दिए हैं।  सरकार को प्रजातांत्रिक मूल्यों पर विश्वास नही है। चुनी गयी सरकार को बर्खास्त करने की धमकी दी जा रही है।

           कांग्रेसियों ने दावा किया कि देश प्रदेश का वातावरण कुछ 1942 जैसा है। एकजुट होकर एक बार फिर भारत छोडो आन्दोलन की तर्ज पर आंदोलन छेड़ने की जरूरत है। तभी देश को बचाया जा सकता है।

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