धमतरी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुवात की थी।इसकी शुरुवात के साथ ही 2019 तक पूरे भारत को स्वच्छ करने की कल्पना भी की गई।इसी कड़ी में सबसे पहले खुले में शौच मुक्त जिला बना धमतरी,अब पूरे देश में पहले पायदान का खिताब अपने हिस्से में रखने में सफल हुआ है।दरअसल 1 नवम्बर 2016 को धमतरी जिले को खुले से शौच मुक्त जिले का खिताब हासिल हुआ था।इसके बाद मिनिस्ट्री आफ ड्रिंकिंग वॉटर के स्वछता दर्पण के द्वारा पूरे देश में 6 घटको के तहत आकलन किया जा रहा था ।जिसमें टायलेट की उपयोगिता,टायलेट पेंटिंग, माय सेल्फी,जियो टैग,स्वछता प्रेरक नियुक्ति समेत टायलेट की उपलब्धता के चलते अलग अलग नंबर दिये गए थे।जिसमें धमतरी जिले ने सभी 6 घटको के आंकलन के 100 अंको में 84 नंबरो से पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया।
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खुले में शौच मुक्त जिला बनने के बाद बढ़ी थी चुनौतिया—
पहले प्रदेश,फिर देश में पहला योगदान हासिल करने वाले धमतरी जिले के कलेक्टर सी.आर.प्रसन्ना का मानना है कि खुले में शौच मुक्त जिला बनते ही ज़िम्मेदारी भी काफी बढ गई।इनकी चुनौती काफी बड़ी रही।सबसे बड़ी चुनौती लोगो की मानसिकता में परिवर्तन लाना था।जिसमे धीरे-धीरे बदलाव आता गया ।महिला टीम,ग्रीन आर्मी, और समूहों द्वारा सामूहिक जन आंदोलन से जो अपनापन हासिल हुआ । जिससे पहले खुद फिर दूसरों को भी बाहर खुले में शौच न करने प्रेरक बनाया गया।जिसका परिणाम है कि आज पूरे देश में पहला पायदान हासिल हुआ है ।