खूँटाघाट का खूँटा….

Chief Editor
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IMG-20150630-WA0018(प्राण चड्डा)बिलासपुर ।”इस सुंदर दृश्य के मध्य का मन्दिर खूंटाघाट बाँध में हर साल पानी कम होते तक करीब छह माह डूबा रहता है ये बाँध 1930 में अंग्रेजों ने बनाया था..मदिंर की मजबूती आज भी बरकार है,,यदि आज किसी ने सरकारी ठेके पर बनाया होता तो क्या होता .?
[छतीसगढ़ के बिलासपुर जिले का बांध,खारंग नदी पर बने इस बांध का नाम संजयगाँधी पर बाद में किया गया ,, ये पिकनिकस्पाट है ,,!
 खूंटाघाट नाम की एक कहानी यह भी….?
जब बांध बना डूबन के जंगल को काटा नहीं गया । तब जंगल या लकड़ी की कीमत न थी । पानी में बाद इसके ठूंठ या जिसे खूंटा कहते वो पानी में बचे रह गये । ये मछली पकड़ने गयी नाव से टकराते ।कालान्तर में इसलिए इसे खूंटाघाट कहा गया । इनमें आखिरी पेड़ तेंदू के थे । उनके बीच तेंदूसार सुंदर काला था । जब जब बांध सूखता लोग इसको कटते तो मजबूत इतना की कुल्हाड़ी को झटका लगता। इसकी सुंदर मजबूत छड़ी बनती । आसपास के गाँव के सम्पन्न जन इस काली छड़ी में चांदी या पीतल की मूठ लगा कर शान से आज भी रखें हैं ।
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