मुंगेली(आकाशदत्त मिश्रा)।बिलासपुर के सीवरेज के गड्ढो की तुलना किसी खराब सड़क से की जाए तो सूरज को दिया दिखाने वाली बात होगी।लेकिन सड़को की बिगड़ी सूरत सिर्फ बिलासपुर की है ऐसा कहना भी गलत होगा, बिलासपुर के साथ साथ पड़ोसी जिला मुंगेली भी छोटा खोदापुर कहे जाने का श्रेय रखने लगा है वो ऐसे कि मुंगेली प्रवेश करते ही मुख्य सड़क जो कि नगर से जोड़ती है उसे चौड़ीकरण कर फोर लेन सड़क बनाने की तैयारी थी जिसके लिए पहले सड़क के दोनों तरफ लगभग 100वर्ष पुराने कउहा(अर्जुन) के लगभग 300 वृक्षो की बलि दी गयी कच्चे मकानों को तोड़े जाने के सख्त आदेश दिए गए, पक्के मकानों को रियायत दी गयी, उसके बाद शुरू हुआ सड़क को खोदने का कार्य, यही से छोटा खोदापुर बनने का मार्ग मुंगेली जिले का प्रशस्त हुआ।
ताजा हालात कुछ ऐसे है कि कलेक्ट्रेट से शहर के बीच की दूरी लगभग 2 किलोमीटर की है और इस बीच सड़क निर्माण कार्य निर्माण की पहली सीढ़ी को छू भी नही पाया है , हर तरफ उघाड़ कर रखी सड़के जिनमे डस्ट और गिट्टियों के ढेर है , सड़को पर चेचक की संक्रामक बीमारियों की तरह उभर आये हजारो गड्ढे मुंगेली प्रवेश करने वाले राहगीर को एक अनूठा सन्देश देते है कि मुस्कुराइये आप मुंगेली में है।दिन में जैसे तैसे लोग करतब दिखाते हुए अपनी गाड़ियों को इन सड़कों से जूझते हुए तहसील कोर्ट कलेक्ट्रेड के चक्कर लगा लेते है लेकिन जब रात का वक्त होता है तो ये सड़क किसी मौत के रास्ते का रूप अख्तियार कर लेती है, किसी भी प्रकार के संकेतक या रेडियम इन सड़कों पर नही लगाए गए है जबकि जिला प्रशासन द्वारा सख्त निर्देश दिए जाने की बात कही गयी थी। जिला प्रशासन के सख्त आदेशो को सड़क निर्माता समूह गम्भीरता से क्यो नही लेता ये अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है।
बगैर संकेतक अंधेरी सड़क पर धूल के गुबार के बीच से निकलने वाले राहगीरों को गड्ढो से तो जूझना ही है साथ ही गिरने के समय उन नुकीली छड़ो से भी बचना होता है जो डिवाइडर और नालियों के आधे अधूरे निर्माण के गवाह बने हुए है। इलाके के विधायक पुन्नूलाल मोहले की अनदेखी और ठेकेदार की मनमानी की वजह से मुंगेली नगर की मुख्य सड़क जो कि VVIP सड़क मानी जाती है उसकी दुर्दशा हो चुकी है। लोग हलाकान है धीरे धीरे अब मुंगेली की सड़क की तुलना पड़ोसी जिले बिलासपुर के रखे गए उपनाम खोदापुर से जोड़ने लगे है।कही ऐसा ना हो कि सोशल मीडिया में सक्रिय लोगों के द्वारा इसका नामकरण जल्द ही छोटा खोदापुर कर भी दिया जाए।