रायपुर।स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अजय चन्द्राकर ने वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की जानकारी ली। चन्द्राकर ने कहा कि प्रदेश में किसी प्रकार की हृदय विदारक घटना ना हो, संवेदनहीनता न बरती जाए, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य व्वयस्था सुदृढ़ रहे। आवश्य दवाइयों की पर्याप्त उपलब्द्धता सुनिश्चित हो साथ ही चिकित्सा उपकरणों का रखरखाव भी निरंतर होते रहना चाहिए। उन्हांेने चिकित्सा सेवा में लापरवाहंी बरतने वालों पर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होने शासन के महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों में निजी चिकित्सालयों की सहभागिता बढ़ाने पर जोर दिया। चन्द्राकर ने कहा कि शासकीय मेडिकल कॉलेज अम्किापुर में मेडिकल काउसिंल ऑफ इण्डिया के मापदण्ड के अनुसार मानव संसाधान और अधोसंरचना विकास प्राथमिकता के तौर पर किया जाए। ताकि आने वाले वर्षों में मेडिकल कॉलेज में प्रवेश आदि की निरंतरता बनी रहे।
स्वास्थ्य मंत्री चन्द्राकर ने कहा कि दूरस्थ अंचलों में मलेरिया, डेंगू बुखार सहित मौसमी बीमारियों के के प्रति लोगों में जागरूकता अभियान चालाया जाए। उन्होंने इन बीमारियों के रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों के संबंध में जानकारी ली। श्री चन्द्राकर ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के कार्यो की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश के चिकित्सालयों और मेडिकल कॉलेजों के नजदीक गुटखा, तम्बाखूं और पान-मसाला आदि बेचने वालों पर कोटपा एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्री चन्द्राकर ने मेडिकल कार्पोरेशन के अधिकारियों को जिला के अधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाकर दवाईयों का भंडारण और समय पर वितरण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।