पांच तहसील में भंयकर सूखा…अनावरी रिपोर्ट की तैयारी..डीसी ने कहा जानकारी नहीं

BHASKAR MISHRA
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COLLECTORATEबिलासपुर— सरकार ने बिलासपुर जिले के पांच तहसील को सूखा घोषित कर दिया है। मरवाही,पैन्ड्रा और गौरेला को छोड़कर अन्य पांच तहसीलों में बारिश नहीं होने से सूखे की स्थिति बन चुकी है। सरकार ने जिला प्रशासन को अनावरी रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। सूखे से निपटने राहत सहायता रिपोर्ट भी भेजने को कहा है। यह जानकारी संयुक्त कलेक्टर एस.एन.कुर्रे ने दी है।

                        संयुक्त कलेक्टर ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार बारिश कमजोर हुई है। गोरेला,पेन्ड्रा और मरवाही तहसील में औसत 70 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई है। लेकिन कोटा,मस्तूरी,बिलासपुर,बिल्हा और तखतपुर में बहुत ही कम बारिश हुई। जिसके कारण रोपा और बियासी का काम संभव नहीं हुआ। शासन ने जिला प्रशासन को जल्द से जल्द अनावारी रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।

                              संयुक्त कलेक्टर एस.एन.कुर्रे ने बताया कि उम्मीद से सत्तर प्रतिशत कम बारिश हुई है। केवल तीन तहसीलोंं में सत्तर प्रतिशत से अधिक बारिश हुई है। रोपा और बियासी का नहीं हो सका है। इसके लिए पर्याप्त पानी का होना जरूरी है। कुर्रे ने बताया कि बिलासपुर जिला में कुल 60 प्रतिशत मतलब 36303 हेक्टेयर में रोपा लगाया गया है। कुल 1042908 हेक्टेयर में मतलब 100 प्रतिशत क्षेत्र में बुआई का काम होना है। पर्याप्त पानी नहीं होने से रोपा के साथ बियासी काम पिछड़ चुका है। जाहिर सी बात है कि रोपाई का काम असंभव है।

प्रमुख सचिव का आदेश

                   संयुक्त कलेक्टर ने बताया कि बताया कि जुलाई में प्रमुख सचिव विवेक ढांढ ने संभावित अकाल समस्या को देखते हुए बैठक ली थी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को जल्द से जल्द पानी दिया जाए। बांध और नहरों से खेतों तक पानी पहुंचाया जाए। बावजूद इसके फसल को बचा पाना मुश्किल है। उन्होने फसलों को बचाने कृषि विभाग को जरूरी निर्देश भी दिए थे।

अवर मुख्य सचिव का आदेश

               कुर्रे के अनुसार जुलाई महीने के अंतिम सप्ताह में अपर मुख्य सचिव अजय सिंह ने भी बैठक बैठकर बारिश को लेकर चिंता जाहिर की है। किसानों को ज्यादा से ज्यादा राहत देने अनावरी रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। जिन किसानों ने रोपा और बियासी का काम नहीं किया उन्हें दलहन और तिलहन फसल के लिए उत्साहित करने को कहा है। अजय सिंह ने वैकल्पिक कृषि के लिए दबाव बनाए जाने की बात कही है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यदि धान के पौधे बीना रोपा के स्वस्थ्य हैं। ऐसे किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद देकर बिना रोपाई धान की फसल लेने को कहा है।

मुझे नहीं मालूम क्या है आदेश

                              डिप्टी कलेक्टर डिले राम डाहिरे ने बताया कि शासन ने अनावरी रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। लेकिन कितने क्षेत्रों के लिए रिपोर्ट तैयार किया जाना है इसकी जानकारी नहीं है। सूखा राहत रिपोर्ट तैयार करने वाली टीम का गठन नहीं किया गया है। इसकी जानकारी संयुक्त कलेक्टर ही दे पाएंगे। जबकि कुर्रे ने बताया कि राहत रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी डाहिरे को दी गयी है। उन्होने ऐसा क्यों कहा…हमें फिहाल इसकी जानकारी भी नहीं है।

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