बिलासपुर । छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने बिलासपुर एसडीएम आलोक पाण्डेय की गिरफ्तारी का आदेश पर्सनल एपीयरेंस में तब्दील कर दिया है। जिसके तहत उन्हे शुक्रवार 18 अगस्त को खुद अदालत में पेश होने कहा गया है। मामला गनियारी के रहने वाले जलालुद्दीन के आमदनी प्रमाण पत्र से संबंधित बताया गया है।हाईकोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने गुरूवार को बिलासपुर एसडीएम आलोक पाण्डेय को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया था। यह गिरफ्तारी वारंट कोर्ट में गनियारी के जलालुद्दीन के आमदनी प्रमाण पत्र से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान जारी किया गया था। छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह पहला मौका था जब किसा सरकारी अफसर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया गया था।
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जानकारी मिली है कि जलालुद्दीन के आमदनी प्रमाण पत्र मामले में पेश होने के लिए एसडीएम आलोक पाण्डेय को दो बार कोर्ट में तलब किया जा चुका था। लेकिन वे दोनों बार कोर्ट में हाजिर नहीं हहुए। गुरूवार को भी आलोक पाण्डेय के हाजिर न होने पर जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने आलोक पाण्डेय को गुरूवार की शाम तक गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी कर दिया था।
इस गिरफ्तारी वारंट के जारी होते ही राजस्व महकमें में हड़कम्प मच गया। खबर है कि आलोक पाण्डेय खुद पूरे अमले के साथ गुरूवार को ही कोर्ट में हाजिर हुए । उन्होने बताया कि कम्युनिकेशन नहीं होने की वजह से कोर्ट की सूचना उनके ( आलोक पाण्डेय ) तक नहीं पहुंच सकी थी। इसके बाद जस्टिस श्री मिश्रा ने गिरफ्तारी वारंट को पर्सनल एपीयरेंस में तब्दील किया। जिसके तहत अब एसडीएम आलोक पाण्डेय को 18 अगस्त शुक्रवार को जलालुद्दीन के आमदनी प्रमाण पत्र के साथ खुद कोर्ट में हाजिर होने कहा गया है।