रायपुर—पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने बस्तर क्षेत्र में आदिवासियों और राष्ट्रपति से संरक्षित जनजातियों के साथ अत्याचार और शोषण पर चिंता जाहिर की है। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार संकल्प से सिद्धि तक जैसे नये. नये नामों से 2022 तक सरकार चलाने की मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रही है। जबकि विधानसभा चुनाव में लिया गया संकल्प आज तक पूरा नहीं किया है ।
जोगी ने कहा है कि बस्तर आदिवासियों का जीवन राज्य सरकार ने नर्क कर दिया है। नक्सलवाद के नाम पर सरकार आदिवासियों की हत्या कर रही है ।14 सालों मेंं सरंक्षित क्षेत्र में अन्य लोगों की बसावट बढ़ गई है । जोगी ने बताया कि बस्तर से मिल रही शिकायतों पर कलेक्टर नारायणपुर को पत्र लिखा है। अबूझमाड़ इलाके में अभी हाल के समय में बड़े पैमाने पर दूसरी क्षेत्र के लोग बडी संख्या में बस रहे हैं । जबकि अबूझमाड़ सुरक्षित है। अन्य कोई इनका शोषण न कर सके इसलिए इलाके में दूसरे क्षेत्र के लोगों को बसने की इजाजत नहीं है। पिछले कुल सालों तक क्षेत्र में बिना अनुमति जाना प्रतिबंधित था। जो लोग वहां बस रहे हैं अबूझमाडियों का शोषण करेंगे। घने जंगल को व्यापक स्तर पर कटाई भी करेंगे ।
जोगी ने कहा कि जिला प्रशासन और सरकार उचित कदम उठाए। बाहर से आए लोगों को अबूझमाड़ में बसावट नहीं करने दे। जोगी ने नारायणपुर जिले में स्वच्छता अभियान के तहत बने शौचालयों पर हो रहे शासकीय राशि के बंदर बांट पर जांच की मांग की है। पंचायत स्तर पर शासन के पैसों से शौचालय बनाया जा रहा है। उपयोग करने वालों की शिकायत है कि निर्माण गुणवत्ता विहीन है। ऐसी स्थिति में स्वच्छता अभियान सिर्फ कागजों में चल रहे हैं।
जोगी ने बस्तर की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि सरकार धरातल में काम करने के वजाया आत्म प्रचार में व्यस्त है। पूरा छत्तीसगढ़ अपराध, शोषण, कुपोषण, महिला अत्याचार और बेरोजगारी से परेशान है। जिसके चलते छत्तीसगढ़ बीमार राज्यो की श्रेणी में आ गया है।